जाम का झाम: जेपी सेतु पर दबाव, पटना के बाहरी इलाकों में जाम
राजेंद्र सेतु और कोईलवर पुल पर बड़े मालवाहक वाहनों पर रोक के बाद जेपी सेतु पर मालवाहक वाहनों की आवाजाही बढ़ गई है। इससे जेपी सेतु पर लोड बढ़ गया है। साथ ही पटना शहर के बाहरी इलाकों में जाम की समस्या...
राजेंद्र सेतु और कोईलवर पुल पर बड़े मालवाहक वाहनों पर रोक के बाद जेपी सेतु पर मालवाहक वाहनों की आवाजाही बढ़ गई है। इससे जेपी सेतु पर लोड बढ़ गया है। साथ ही पटना शहर के बाहरी इलाकों में जाम की समस्या गहरा गई है।
जेपी सेतु पर सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। मालवाहक वाहनों का परिचालन राजेंद्र सेतु पर बंद होने के बाद बड़े वाहन अब जेपी सेतु या भागलपुर के विक्रमशिला सेतु से होकर जाएंगे। इससे जेपी सेतु पर वाहनों का दबाव बढ़ना तय है। जेपी सेतु पर 20 नवंबर से वाहनों का परिचालन रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक हो रहा है। इसके लिए ट्रक जेपी सेतु से जुड़ी सड़कों पर दिन से ही जहां-तहां खड़े हो जाते हैं। यही ट्रक रात नौ बजे के बाद जेपी सेतु की ओर बढ़ते हैं। आगे बढ़ने के लिए ओवरटेक करते हैं, जिससे पटना जिले के दानापुर, सगुना मोड़, बाइपास के अलावा नौबतपुर इलाके में जाम की समस्या गहरा गई है। गया मोड़ से अनीसाबाद-फुलवारी की ओर बाइपास के एक लेन पर तीन-तीन कतारों में ट्रक चलते हैं।
वहीं, जेपी सेतु से उतरने के बाद छपरा जाने वाले ट्रक बायीं ओर मुड़ते हैं, यहां बजरंग चौक पर फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है। इससे यू-टर्न लेना पड़ता है। यहां पर हमेशा जाम रहता है। एक लेन की सड़क होने के कारण भी यहां जाम लगता है। मुजफ्फरपुर जाने के लिए रेलवे क्रॉसिंग पर जाम लगता है। हाजीपुर के रामाशीष चौक पर भी ट्रकों की लंबी कतार लग जाती है।
एक सप्ताह में ट्रक से कुचलकर तीन की मौत
जेपी सेतु पर मालवाहक वाहनों का परिचालन शुरू होने के बाद सोनपुर में एक सप्ताह के अंदर अनियंत्रित ट्रक से कुचलकर तीन की मौत हो गई है, कई लोग जख्मी हो चुके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्धारित समय के बाद भी इस पुल से बड़े वाहनों का परिचालन होता रहता है। पुलिस इसे रोकने में नाकाम साबित हो रही है।