हर्ष फायरिंग पर नकेल कसने की तैयारी, बिहार पुलिस ने उठाया बड़ा कदम; आयोजकों पर गिरेगी गाज
बिहार में हर्ष फायरिंग को रोकने की दिशा में बिहार पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत अब किसी भी सार्वजनिक स्थल पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी स्थानीय थाने को देनी होगी।
बिहार में हर्ष फायरिंग को रोकने की दिशा में बिहार पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत अब किसी भी सार्वजनिक स्थल पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी स्थानीय थाने को देनी होगी। राज्य पुलिस के साथ ही अब हर्ष फायरिंग रोकने के लिए आयोजकों को भी जिम्मेदार बनाया गया है। इसके लिए राज्य पुलिस मुख्यालय ने एक मानक संचालन प्रणाली (एसओपी) जारी किया है। अपर पुलिस महानिदेशक (विधि-व्यवस्था) संजय सिंह ने हर्ष फायरिंग रोकने को लेकर जारी किए गए नए एसओपी की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूर्व के प्रावधानों को जमीनी स्तर पर लागू करने के उपाए किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि नई एसओपी के तहत अब सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित होने वाले सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों की जानकारी पुलिस थाने को देनी होगी। इसमें शादी-विवाह व आर्केस्ट्रा भी शामिल हैं। सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षकों को नई एसओपी के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा और एक लाख के जुर्माने का प्रावधान है। एडीजी संजय सिंह ने बताया कि हर्ष फायरिंग रोकने को विशेष घोषणा-पत्र बनाया गया है, जिसे आयोजक को भरना होगा। इसमें कार्यक्रम की तिथि एवं समय, आयोजक का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर, अतिथियों की संख्या आदि से जुड़ी जानकारी देनी है। हर्ष फायरिंग में कोई व्यक्ति घायल हो अथवा नहीं, शस्त्रत्त् अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
आयोजक यह घोषणा करेगा कि मुझे हर्ष फायरिंग के प्रावधानों की जानकारी है और मैं इसका अनुपालन करूंगा। अगर कार्यक्रम में शस्त्र का दुरुपयोग होता है तो इसकी सूचना थाने को दूंगा। एसओपी को सख्ती से लागू करने के लिए थाना स्तर पर शस्त्रत्त् लाइसेंस पाने वालों का सत्यापन कराने को कहा गया है। हर्ष फायरिंग में शामिल शस्त्र का लाइसेंस निलंबित व रद्द करने की अनुशंसा भी की जाएगी।
समारोह स्थलों की सूची बनेगी
सभी थाना क्षेत्र में आने वाले विवाह समारोह स्थल, मैरेज हाल, होटल, धर्मशाला, सामुदायिक भवन की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद मालिक व मैनेजर से बात कर तथा समारोह स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने को भी कहा जाएगा, इसके बाद ही कार्यक्रम की अनुमति दी जाएगी। कोई भी हर्ष फायरिंग की घटना होने पर आयोजक की भूमिका की भी जांच होगी।
फायरिंग की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष को स्वयं घटनास्थल पर जाकर जांच करना होगा। सभी डीएसपी को इससे जुड़े कांडों का पर्यवेक्षण एक सप्ताह के अंदर करने का निर्देश दिया गया है। अगर थाना स्तर पर एसओपी में तय कार्रवाई नहीं की गयी तब प्रशासनिक विफलता के दोषी पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। हर्ष फायरिंग की घटना पर रोक लगाने और इस प्रकार की प्रवृत्ति को समाप्त करने की दिशा में नई एसओपी महत्वपूर्ण कारक बनेगी।