Hindi Newsबिहार न्यूज़Poverty ending in Bihar showing the report of NITI Aayog Nitish minister told the figures surrounded the central government

बिहार में घट रही गरीबी, नीति आयोग की रिपोर्ट दिखाकर नीतीश के मंत्री ने बताए आंकड़े, केंद्र सरकार को घेरा

बिहार सरकार के योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र की उपेक्षा के बावजूद बिहार में सबसे अधिक गरीबी घटी है। बिहार का गरीबी प्रतिशत 51.89 से घटकर 33.76 हो गया

Sandeep हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाFri, 21 July 2023 08:36 PM
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देश में सबसे अधिक 18.13 प्रतिशत गरीबी बिहार में घटी है। पूरे देश में 13.51 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये, जिनमें बिहार के 2.25 करोड़ लोग शामिल हैं। यह पूरे देश की संख्या का 16.65 प्रतिशत है। नीति आयोग द्वारा वर्ष 2015-16 से 2019-21 तक की स्थिति पर जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की उपेक्षा के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में संपन्नता बढ़ी है। मंत्री ने कहा कि हमलोगों की मांग मानते हुए केंद्र अगर विशेष राज्य का दर्जा दे देता तो बिहार आज विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा होता। लेकिन, दुर्भाग्य है कि बिहार की मांग पर केंद्र कुछ नहीं कर रहा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुनीश चावला ने कहा कि वर्ष 2015-16 में बिहार का गरीबी प्रतिशत 51.89 प्रतिशत था, जो घटकर 33.76 प्रतिशत हो गया है। 

कहां कितनी गिरावट
बिहार     18.13
मध्यप्रदेश    15.94
उत्तर प्रदेश    14.75
ओडिशा    13.66
राजस्थान    13.55
झारखंड    13.29
(आंकड़े प्रतिशत में)

योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य सरकार बिहार के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। इसी का परिणाम है कि यहां पर देश में सबसे अधिक लोग गरीबी की सीमा से बाहर आए हैं। 

बिहार का चौतरफा विकास
बिजली कनेक्शन, स्वच्छ रसोई ईंधन, बैंक खाता खोले जाने के सूचकांकों पर बिहार की उपलब्धि अन्य राज्यों से अधिक है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, पशु संसाधन, आय के संसाधनों में प्रगति हुई है। जीवन स्तर में सुधार हुआ है। 

इन क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन
शिक्षा: स्कूली शिक्षा प्राप्त करने वाली जनसंख्या बढ़ी है। इनमें महिलाओं का प्रतिशत और भी अधिक है। शिक्षा पर खर्च 18,980 करोड़ से बढ़कर 35,805 करोड़ हो गया है। 

पेयजल-शौचालय: वर्ष 2021 तक बिहार में 99.2% आबादी को स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। 2016 तक बिहार में शौचालय की सुविधा वाले घरों में रहने वाली जनसंख्या का प्रतिशत 26.5 था, जो 2021 तक बढ़कर 49.4 प्रतिशत हो गया है। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च 4571 करोड़ से बढ़कर 11,510 करोड़ हुआ है। इससे शिक्षा और स्वास्थ्य  सेवाओं का विस्तार हुआ है। 

ग्रामीण क्षेत्र: वर्ष 2015-16 में ग्रामीण क्षेत्रों में 56 प्रतिशत गरीबी थी, जो 2019-21 में घटकर 36.95 हो गई है। इस प्रकार ग्रामीण गरीबी में 19.05 प्रतिशत गरीरबी घटी है। 


 

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