PMCH Ragging Case: 10 एमबीबीएस छात्रों पर सस्पेंशन की तलवार, प्रिंसिपल बोले, इंट्रोडक्शन लेना रैगिंग है, तो हर साल होती है
पटना मेडिकल कॉलेज में MBBS के फर्स्ट ईयर के छात्र के साथ रैंगिंग मामले में 2021 बैच के 10 मेडिकल छात्र सस्पेंड हो सकते हैं। प्रिंसिपल का कहना है कि परिचय लेना रैगिंग है, तो हर साल होती है।
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में रैगिंग के आरोप में 2021 बैच के लगभग 10 एमबीबीएस छात्रों को 10 दिन के निलंबन और वित्तीय दंड का सामना करना पड़ सकता है। पीएमसीएच के प्रिंसिपल ने बताय कि विभागाध्यक्षों की एक बैठक में शुक्रवार को 10 छात्रों को निलंबित करने और जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई, क्योंकि तस्वीरों के आधार पर उनकी पहचान 2023 एमबीबीएस बैच के नए छात्रों की रैगिंग में कथित तौर पर शामिल होने में की गई है।
दरअसल गुरुवार को एक मेडिकल छात्र के अभिभावक ने कथित तौर पर कॉलेज अधिकारियों से मौखिक रूप से शिकायत की थी। कि उनके लड़के को 2021 बैच के एमबीबीएस छात्रों द्वारा जीवक छात्रावास में आधे घंटे तक कैद रखा गया था। वहीं इस मामले पर कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि
कुछ वरिष्ठ संकाय सदस्य और मैं जीवक छात्रावास गए और छात्र को मुक्त कराया। हमने फोटो के आधार पर 10 एमबीबीएस छात्रों की पहचान रैगिंग में शामिल होने के लिए की है, जो एमबीबीएस छात्रों के नए बैच के परिचय लेने तक सीमित थी।
उन्होंने कहा, हम रैगिंग के दोषी पाए गए छात्रों के अभिभावकों को भी लिखेंगे कि वे अपने बच्चों को सावधान करें, अन्यथा हम उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। वैसे हर साल वरिष्ठ चिकित्सक छात्रों के नए बैच का परिचय लेते हैं। अब, अगर आप इसे रैगिंग कहते हैं, तो हां, हमारे यहां लगभग हर साल ऐसी घटनाएं होती हैं।
इस बीच, बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (बीयूएचएस) के कुलपति डॉ. एसएन सिन्हा ने शुक्रवार को पीएमसीएच में डॉक्टरों की कथित रैगिंग का संज्ञान लिया और इसके प्रिंसिपल से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। डॉ सिन्हा ने कहा कि हर कॉलेज में एक एंटी-रैगिंग कमेटी होती है, और उसने घटना के बारे में पूछताछ की होगी। मैंने प्रिंसिपल से रैगिंग में शामिल छात्रों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी है, प्रिंसिपल से रिपोर्ट मिलने के बाद हम अपनी कार्रवाई तय करेंगे।
आपको बता दें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने रैगिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। गंभीर अपराधों में, रैगिंग में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की जा सकती है, उनका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है या संस्थान से निष्कासित भी किया जा सकता है।
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