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SSP से रोते हुए बोली महिला सिपाही, छुट्टी मांगते हैं तो मिलती है गाली

पटना पुलिस के मेजर सह डीएसपी मो. मसलाउद्दीन की गाली और छुट्टी नहीं देने की आदत ने महिला सिपाही की मौत के बाद आग में घी का काम किया। बात पुलिस विद्रोह की नहीं आती यदि मेजर पर आला अधिकारियों का...

पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो Fri, 2 Nov 2018 05:28 PM
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पटना पुलिस के मेजर सह डीएसपी मो. मसलाउद्दीन की गाली और छुट्टी नहीं देने की आदत ने महिला सिपाही की मौत के बाद आग में घी का काम किया। बात पुलिस विद्रोह की नहीं आती यदि मेजर पर आला अधिकारियों का नियंत्रण होता। मेजर ने किसी तरह भागकर अपनी जान तो बचा ली, पर उनकी आदतों से परेशान जवानों ने इस कदर बवाल काटा कि पटना पुलिस लाइन और आसपास का इलाका घंटों रणक्षेत्र में तब्दील रहा।

लाइन में शान से जानेवाले अफसर हालात भांपते रहे
पटना पुलिस लाइन में जिन अफसरों का स्वागत सलामी से होता था वहीं शुक्रवार को बाहर से हालात भांपते रहे। किसी ने अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटाई। सवा बाहर बजे के बाद एसएसपी मनु महाराज दलबल के साथ किसी तरह पुलिस लाइन के अदंर पहुंचे। चारों ओर से पुलिस के जवान और अफसरों ने उन्हें घेर रखा था, वहीं दूसरी तरफ महिला और पुरुष सिपाही विरोध में नारेबाजी कर रहे थे।  

चप्पल व बोतल फेंके गए
एसएसपी, पुलिस लाइन मैदन की ओर बढ़ रहे थे तभी उनपर चप्पल और बोतल फेंके गए। पर पीछे हटने की बजाए वह मैदन की तरफ बढ़ते चले गए। वहीं सिपाहियों की भीड़ हल्ला-हंगामा करती रही। कोई मैदान की ओर जाने को तैयार नहीं था। किसी तरह उन्हें मैदान में बुलाया गया। उसके बाद भी अधिकारियों और सिपाहियों के बीच जद्दोजहद चलती रही। आखिरकार काफी मान मनव्वल के बाद सिपाही मैदान में एकत्र हुए। महिला साथी की मौत के साथ ही सिपाहियों के आक्रोश का प्रमुख कारण मेजर मो. मसलाउद्दीन का व्यवहार था।  

एसएसपी ने कहा- मां कसम, आप हमारे बच्चे हैं 
एसएसपी मनु महाराज ने माइक थामा और सिपाहियों को समझाने में जुट गए। काफी समझाने-बुझाने के बाद जब सिपाही मैदान में बैठे तो एसएसपी ने कहा, मां कसम आप हमारे बच्चे हैं, आपकी शिकायतों को हम दूर करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम यहीं है। जबतक आपकी शिकायतें दूर नहीं होंगी हम कहीं नहीं जा रहे। इसके बाद सिपाहियों को उनकी बात रखने को कहा गया। फिर क्या था, मेजर मसलाउद्दीन और लाइन के मुंशी के खिलाफ शिकायतों की झड़ी लग गई।

एक महिला सिपाही यह बोलती हुई रो पड़ी कि सर, हमलोगों को मेजर साहब गाली देते हैं। छुट्टी मांगते हैं तो छुट्टी नहीं मिलती। उसके एवज में गाली मिलती है। आक्रोश इस कदर था कि सभी ने समर्थन करना शुरू कर दिया। इसके बाद भी शिकायतों का सिलसिला चलता रहा। एसएसपी ने आश्वासन दिया कि कल से आपकी ट्रेनिंग शुरू करा देंगे। इस बीच छुट्टी और ट्रैफिक ड्यूटी का भी मसला आया। एसएसपी ने कहा कि ट्रैफिक ड्यूटी नहीं ली जाएगी और छुट्टी भी मिलेगी। करीब आधे घंटे के पुलिस लाइन मैदान में संवाद हुआ तब जाकर मामला शांत हो पाया। 

महिला सिपाही को सलामी देने का हुआ ऐलान
आखिर में एसएसपी ने कहा कि महिला सिपाही को सलामी दी जाएगी। इसके बाद वह मैदान से बाहर निकले। थोड़ी देर में उस गाड़ी को मैदान के पास लाया गया जिसपर महिला सिपाही का शव रखा था। शव को मैदान में रखा गया और तिरंगा रखकर सलामी दी गई। अधिकारियों और जवानों ने मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके बाद शव को गाड़ी में रखा गया और परिजन शव लेकर चले गए।

मेंस एसोसिएशन के नेताओं से भी भिड़ गए
आक्रोशित सिपाहियों को समझाने-बुझाने के लिए पुलिस मेंस एसोसिएशन के नेताओं ने भी कोशिश की। शुरू में उनकी भी बातें अनसुनी कर दी गई। यहां तक की कुछ नेताओं के साथ धक्का-मुक्की की गई पर पत्थर भी फेंके गए। हालांकि इसके बाद भी वह हटे नहीं। अन्य सदस्यों को बुलाया गया। करीब सौ की संख्या में होने के बाद मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार धीरज ने अन्य पदधारकों के साथ दोबारा मोर्चा संभाला। इसके बाद ही एसएसपी भी पुलिस लाइन में घुस सकें।

वीडियो बनाने वालों पर रही सिपाहियों की नजर
पुलिस लाइन में बवाल के दौरान ट्रेनी सिपाहियों की नजर वैसे लोगों पर थी जो वीडियो बना रहे थे। इसी शक में कई लोगों की पिटाई हो गई। जो वीडियो बनाते पकड़ा गया उसकी धुनाई हुई और मोबाइल तोड़ दिए गए। 

सिपाहियों ने लूट ली लाठी
बवाल शुरू होने के बाद हंगामा कर रहे सिपाही उपस्कर शाखा की ओर दौड़े। वहां मुंशी को पीटा और लाठी हाथों-हाथ लेकर निकल गए। इस दौरान कोई वर्दी में था तो कोई बगैर वर्दी के ही उपद्रव करता दिखा। पुलिस लाइन में मौजूद कोई भी छोटी गाड़ी सही सलामत नहीं रही। अधिकतर गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। वहीं कई गाड़ियों में तोड़फोड़ करने के बाद उसे पलट दिया गया। 

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