बिहार में ICMR की लैब में RTPCR जांच किट नहीं, एम्स भेजना पड़ रहा है कोरोना सैंपल
बिहार में 20 दिसंबर से अब तक 19 कोविड पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं लेकिन उनकी स्वैब का सैंपल जांच के लिए पटना एम्स को भेजा गया है। आईसीएमआर के केंद्रीय लैब में जांच किट ही खत्म हो गया है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग कोरोना के संदिग्ध मरीजों के स्वैब सैंपल (जो फाहा से नाक और गले से लिया जाता है) को जांच के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस) के बदले पटना एम्स को भेज दिया है। कोविड मरीजों की संख्या आ रहे उछाल के बीच आईसीएमआर के इस लैब में टेस्टिंग किट ही नहीं हैं। RMRIMS एक सप्ताह से दिल्ली के आईसीएमआर मुख्यालय और राज्य स्वास्थ्य विभाग से आरटीपीसीआर टेस्ट किट की मांग करके उनकी आपूर्ति का इंतजार कर रहा है। इसके पास जो किट्स थे वो एक्सपायर हो चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया है कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 4565 हो गई है। पिछले 24 घंटे में कोविड के 573 नए मामले सामने आए हैं जबकि कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक मरीज की मौत भी हो गई है। केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय लैब को एक सप्ताह पहले ही कोविड जांच के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश जारी किया था। पटना जिला के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि RMRIMS में टेस्टिंग किट नहीं है इसलिए जांच के लिए सैंप को पटना एम्स भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि पहले कोरोना जांच के सैंपल आईसीएमआर के RMRIMS और IGIMS को ही भेजा जाता था। इन लैब्स में देश स्तर पर कोरोना के जीनोम सीक्वेंसिंग पर भी नजर रखी जाती है।
RMRIMS में आरटीपीसीआर की सुविधा है लेकिन टेस्टिंग किट के अभाव में यह जांच करने वाली रोबोटिक मशीन का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। पटना में 20 दिसंबर को 2 कोविड पॉजिटिव मरीज मिले थे। बिहार में 20 दिसंबर से अब तक 19 कोरोना के मरीज मिल चुके हैं। इनमें गया में 9, पटना में 9, मुजफ्फरपुर और दरंभगा में 1-1 मरीज हैं। इन मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेसिंग रिपोर्ट का इंतजार है जिससे ये पता चले कि ये कोरोना वायरस का कौन सा रूप है।
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