1 करोड़ रंगदारी लेने की फिराक में था माणिक, रसूखदारों की बनाई थी लिस्ट
झारखंड के हजारीबाग से पकड़ा गया कुख्यात माणिक एक करोड़ रुपये रंगदारी लेने की फिराक में था। उसने बाकायदा एक लिस्ट बनाकर रखी थी। इनमें कई कंस्ट्रक्शन कंपनियों और व्यवसायियों के नाम थे। आने वाले दिनों में...
झारखंड के हजारीबाग से पकड़ा गया कुख्यात माणिक एक करोड़ रुपये रंगदारी लेने की फिराक में था। उसने बाकायदा एक लिस्ट बनाकर रखी थी। इनमें कई कंस्ट्रक्शन कंपनियों और व्यवसायियों के नाम थे। आने वाले दिनों में वह सभी से रंगदारी वसूलता।
सूत्रों की मानें तो अपने एक खासमखास शागिर्द से बातचीत करने के दौरान ही एसटीएफ की टीम को माणिक की भनक लगी। इसके बाद टीम ने रेकी करनी शुरू कर दी और माणिक को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि माणिक का पिता मनोज फरार होने में सफल रहा। शुक्रवार की देर रात पुलिस टीम माणिक से नौबतपुर थाने में पूछताछ करती रही। उसने अपने गिरोह के बारे में कई अहम खुलासे किये हैं।
माणिक ने बताया कि कम उम्र के लड़कों को वह रंगदारी वसूलने के लिये भेजा करता था। इस गैंग में ऐसे युवकों का इस्तेमाल किया जाता था, जिनका पहले से किसी तरह का आपराधिक रिकॉर्ड न रहा हो। कई बार माणिक का पिता मनोज गिरोह में शामिल नये अपराधियों को गोली चलाने को कहता था। उसकी बातों में आकर मनोज-माणिक गैंग के शागिर्द गोलीबारी कर दहशत फैला देते थे। फिर दोनों बाप-बेटे व्यवसायियों को रुपये देने वरना अंजाम भुगतने की धमकी देते थे। पटना में बड़ी वारदातों को अंजाम देने के बाद मनोज और माणिक गोवा और पांडुचेरी भी गए थे। दोनों वहां काफी दिनों तक रहे। इसके बाद उत्तरप्रदेश और फिर झारखंड में शरण ली। बाप-बेटे ने कभी बिहार का रुख नहीं किया।
ऐश-मौज से जीवन बिताने वाले माणिक की रात हाजत में बीती। उसे नौबतपुर थाने में रखा गया था। इसके पहले एसटीएफ ने भी उसे हाजत में रखा था। माणिक से पुलिस ने कड़ी पूछताछ की है। इसके पहले वह वर्ष 2015 में पकड़ा गया था।