उदयनिधि स्टालिन को पटना कोर्ट का समन, 13 फरवरी को पेशी का आदेश; सनातन के विरोध में की थी टिप्पणी
सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी करने पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे एवं मंत्री उदयनिधि स्टालिन को पटना कोर्ट ने समन किया है।
तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन की उनके सनातन विरोधी बयान पर मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। स्टालिन को बिहार की पटना कोर्ट ने समन किया है। पटना की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 13 फरवरी को पेशी का आदेश दिया है। उनके खिलाफ पटना हाईकोर्ट के वकील और नेशन फर्स्ट डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कोशलैंद्र नायरायण ने मुकदमा दायर किया था।
पटना सिविल कोरट् स्थित एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने सोमवार को तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की उपस्थिति के लिए समन जारी किया। बता दें कि अदालत ने सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के एक परिवाद मुकदमे में स्टालिन के खिलाफ संज्ञान लिया था। तमिलनाडु के एक शहर में सभा के दौरान स्टालिन पर सनातन धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
बता दें कि उदयनिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं। एक सभा में उन्होंने भाषण देते हुए सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया, कोरोना वायरस जैसी बीमारियों से की थी। साथ ही कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि नष्ट कर देना चाहिए। उदयनिधि के इस बयान पर भारी सियासी हंगामा हुआ था। बीजेपी समेत एनडीए के घटक दलों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
स्टालिन की पार्टी डीएमके INDIA गठबंधन में शामिल है। बिहार में भी सनातन का मुद्दा जोर पकड़ा और पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ खूब बयानबाजी की। INDIA गठबंधन में शामिल पार्टियों के कुछ नेताओं ने उनका समर्थन किया तो कुछ ने उनके बयान से किनारा कर लिया था। आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा था कि सनातन धर्म में कई विकृतिया हैं, उनमें जाति व्यवस्था सबसे खराब चीज है।