लापरवाही पड़ने लगी भारी, दूसरी लहर के पीक को पार करने वाला है पटना, 2566 नए संक्रमित मिले
बिहार की राजधानी पटना में कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में संक्रमण की गति लगभग दोगुनी है। दूसरी लहर के दौरान 10 हजार सक्रिय संक्रमितों का आंकड़ा लगभग 25 दिन में पहुंचा था। जबकि तीसरी...
बिहार की राजधानी पटना में कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में संक्रमण की गति लगभग दोगुनी है। दूसरी लहर के दौरान 10 हजार सक्रिय संक्रमितों का आंकड़ा लगभग 25 दिन में पहुंचा था। जबकि तीसरी लहर के दौरान इस बार यह आंकड़ा सिर्फ 12 दिनों में पहुंच गया। 10 जनवरी को पटना में कुल 2566 नए कोरोना संक्रमितों के मिलने से एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 11707 पर पहुंच गई है।
दूसरी लहर की शुरुआत अगर 25 मार्च 2021 से मानी जाती है। जब होली के समय बड़ी संख्या में दूसरी राज्यों से लोग आने लगे थे। उसके पहले यहं एक्टिव केसों की संख्या 200 से भी कम हो गई थी। 25 मार्च से लगातार संक्रमित मिलते गए। उसके बाद यह आंकड़ा बढ़ता गया। एक्टिव केसों की संख्या 19 अप्रैल को 10 हजार तक पहुंची थी। 10 अप्रैल के पहले तक सक्रिय मरीजों की संख्या उस समय 2174 ही थी। उस समय तक दूसरी लहर में एक हजार तक संक्रमित नहीं मिल रहे थे। 10 अप्रैल को पहली बार एक हजार से ज्यादा 1431 संक्रित मिले थे। उस दिन सक्रिय मरीजों की संख्या 3469 थी। पांच हजार तक सक्रिय मरीजों की संख्या 15 अप्रैल को पहुंची थी। उसके बाद सिर्फ चार दिनों में सक्रिय मरीजों की संख्या 10 हजार तक पहुंच गई थी।
तीसरी लहर में पटना में 27 दिसंबर तक इक्के-दुक्के संक्रमित मिल रहे थे। उसके बाद यहां प्रतिदिन औसत दोगुनी गति से संक्रमित बढ़ते गए। पांच हजार एक्टिव संक्रमितों का आंकड़ा सात जनवरी को जबकि 10 हजार का आंकड़ा 10 जनवरी को पहुंचा है। पांच हजार से 10 हजार तक सक्रिय मरीजों की संख्या पहुंचने पर मात्र तीन दिन लगे। विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट का प्रकोप था। लेकिन तीसरी लहर के दौरान ओमिक्रॉन का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। यह डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले सात से 10 गुना ज्यादा संक्रामक है। पहले जहां सिर्फ छींकने, खांसने से फैले स्वाब से संक्रमित होते थे, इस बार आसपास में रहने वाले संक्रमित के संपर्क में आने ओर उसके साथ बैठने पर भी संक्रमित होते देखे जा रहे हैं।