पटना एम्स को 330 करोड़ की 27 एकड़ जमीन, मरीजों के परिजनों के लिए धर्मशाला; सीएम नीतीश ने किया ऐलान
नीतीश सरकार ने पटना एम्स को 330 करोड़ रुपये की 27 एकड़ जमीन देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में इसका ऐलान किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की कि पटना एम्स एम्स के विस्तार के लिए 27 एकड़ जमीन राज्य सरकार देगी। इसकी कीमत 330 करोड़ है। इसके अलावा उन्होंने मरीजों के परिजनों के लिए 248 बेड की धर्मशाला बनवाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि एम्स के लिए कुछ और भी सहूलियत चाहिए तो राज्य सरकार तैयार है। उन्होंने कहा कि पटना एम्स आने के लिए एलिवेटेड रोड बनाया गया है। आगे भी कोई दिक्कत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना एम्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसके निर्माण में भी हमारी बड़ी भूमिका है। अटल जी के कैबिनेट में 2003 में इसे स्वीकृति मिली थी। 2005 में जब मैं मुख्यमंत्री बना तो देखा कि पटना एम्स के निर्माण में देरी हो रही है। तब मैं तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिला। इसके लिए जमीन की तलाश की। यहां 72 एकड़ जमीन थी, जिसे बाद में 102 एकड़ कर दिया गया। अभी भी इसके विस्तार के लिए जमीन की जरूरत है तो 25 एकड़ की मांग की गई थी। इसकी जरूरत समझते हुए बिहार सरकार ने 27 एकड़ जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है। समारोह में मौजूद चिकित्सकों से उन्होंने कहा कि आपलोग बढ़िया काम कर रहे हैं। कोरोना में बिहार में सबसे बढ़िया काम करने वाला अस्पताल पटना एम्स था। एम्स के लिए और किसी तरह के सहूलियत की जरूरत है तो राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी।
स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर बनाने की जरूरत : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने की जरूरत है। इसके लिए मेडिकल के सभी प्रक्षेत्रों की मदद लेनी होगी। आयुर्वेद, यूनानी पद्धति, मेडिकल साइंस, होम्योपैथिक सबकी मदद लेकर इस दिशा में काम करना होगा। उन्होंने मेंटल हेल्थ की दिशा में अधिक अनुसंधान की जरूरत बताई और कहा कि डॉक्टरों को देशवासियों के बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए काम करना होगा। डॉक्टर जीवन रक्षक ही नहीं जीवन दाता भी हैं। इस मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने डिग्री लेने वाले चिकित्सकों से कहा कि यह दीक्षांत है, शिक्षांत नहीं है। हमें विश्वास है कि आप जहां भी डॉक्टर बनकर सेवा करेंगे, वहां भी शिक्षा ग्रहण करते रहेंगे। आप एम्स की विरासत को आगे बढ़ाइए। एम्स की अपनी अलग विरासत है। समाज के लिए जरूरत के अनुसार काम करने की आवश्यकता है। समाज के प्रति समर्पण से यह संभव होगा। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की सेवा के लिए तत्पर रहें।
वहीं पटना एम्स के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने डिग्री लेने वाले चिकित्सकों से कहा कि यह दीक्षांत है, शिक्षांत नहीं है। हमें विश्वास है कि आप जहां भी डॉक्टर बनकर सेवा करेंगे, वहां भी शिक्षा ग्रहण करते रहेंगे। आप एम्स की विरासत को आगे बढ़ाइए। एम्स की अपनी अलग विरासत है। समाज के लिए जरूरत के अनुसार काम करने की आवश्यकता है। समाज के प्रति समर्पण से यह संभव होगा। उन्होंने कहा कि समाज के लिए, देश के लिए समर्पण भाव आपमें है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की सेवा के लिए तत्पर रहें।