पप्पू यादव ने बताया खुद की जान का खतरा, जेड सिक्योरिटी की मांग, बोले- गरीबों की लड़ाई लड़ता रहूंगा
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने अपनी जान का खतरा बताया है। और गृह मंत्री अमित शाह को सुरक्षा बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है। और जेड सिक्योरिटी की मांगी की है। साथ ही बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
पू्र्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने खुद की जान का खतरा बताया है। और कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। लेकिन मेडिकल माफिया और शिक्षा माफिया के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होने कहा कि जिसे मारना होगा, वो मार देगा, कोई बचाएगा क्या? पप्पू यादव ने अपनी सुरक्षा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। और सुरक्षा बढ़ाने की मांग है। आपको बता दें अभी पप्पू यादव के पास वाई कैटेगरी सिक्योरिटी है।
दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पप्पू यादव को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही है, गंभीर परिणाम भुगतने साथ-साथ पप्पू यादव के परिवार की महिलाओं के खिलाफ भी अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मरना होगा तो कोई बचाएगा, जिसको मारना होगा मारेगा, कोई बचाएगा क्या? सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है। मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि बिहार में जिस तरह से अपराध बढ़े हैं और डीजीपी आरएस भट्ठी को हटाने की बात चल रही है। इससे साफ पता चलता है कि शासन-प्रशासन में कुछ भी अच्छा नहीं है।
पप्पू यादव ने कहा कि मैं लगातार संसद में बालू माफिया, मेडिकल माफिया का मुद्दा उठा रहा हूं। इसलिए मुझे धमकियां मिल रही हैं। पप्पू यादव ने कहा कि चार-पांच करोड़ रुपए अपराधियों को दिया गया है। हमको कहा जा रहा है कि घर में घुसकर मारेंगे। हाल ही में पूर्णिया में नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन अवधेश यादव की हत्या हुई थी। वो मेरे करीबी हैं। पूर्णिया सांसद ने कहा कि मुझे सुरक्षा मिले या न मिले मैं सड़क से संसद तक गरीबों की लड़ाई लड़ता रहूंगा।
आपको बता दें कुछ दिन पहले पप्पू यदव के खिलाफ रंगदारी वसूलने के मामले में केस दर्ज हुआ था। जिसमें उन्हें जमानत मिल गई थी। बीते लोकसभा चुनावों में पप्पू यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्णिया सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। उन्होने जदयू उम्मीदवार संतोष कुमार को 16 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था। वहीं महागठबंधन की प्रत्याशी राजद की बीमा भारती तीसरे स्थान पर रही थीं।