नीतीश कैबिनेट में मंत्री बने बिजेंद्र प्रसाद यादव के बारे में जानें ये खास बातें
बिहार विधानसभा में आठवीं बार जीत कर विधायक बने बिजेन्द्र प्रसाद यादव जदयू के वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। 1990 में पहली बार मंत्री बने और अब तक बिहार सरकार के दर्जन भर विभागों...
बिहार विधानसभा में आठवीं बार जीत कर विधायक बने बिजेन्द्र प्रसाद यादव जदयू के वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। 1990 में पहली बार मंत्री बने और अब तक बिहार सरकार के दर्जन भर विभागों में मंत्री पद का कामकाज देख चुके हैं।
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के किशोर कुमार को 37 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराकर सीट पर कब्जा किया था। हालांकि इसकी वजह थी कि पिछला चुनाव जेडीयू और राजदबि ने साथ मिलकर लड़ा था। उसके पहले के तीन चुनावों में बिजेंद्र प्रसाद को राजद के प्रत्याशी से अच्छी टक्कर मिली थी।
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने निर्विवाद रूप से पिछले 30 साल से सुपौल विधानसभा सीट पर अपनी बादशाहत बरकरार रखी है। पहली बार 1990 में सुपौल से जीते तो इस सीट से उनका ऐसा नाता जुड़ा जो आज तक जारी है। 1995 के अगले विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की। 2000 के चुनाव में भी ये सीट उनके नाम रही। इसके बाद 2005 में फरवरी और अक्टूबर में हुए चुनाव, 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में भी जीत मिली।
व्यक्तिगत परिचय
पिता : स्व सुखराम यादव
जन्म तिथि : 10 अक्टूबर 1946
जन्म स्थान : मुरली, सुपौल
शैक्षणिक योग्यता : स्नातक (विज्ञान)
निजी व्यवसाय : कृषि
पत्नी : इंदिरा देवी
संतान : पांच
राजनीतिक गतिविधि :
राजनीति में वर्ष 1967 में आए। 1990 में पहली बार विधायक बने। 1998 से 2000 तक बिहार विधान सभा में ध्यानाकर्षण समिति के सभापति रहे।
मंत्री रहे : दिसंबर 1990 से 1995 तक राज्य मंत्री, ऊर्जा विभाग, 1995 से 97 तक नगर विकास एवं विधि राज्य मंत्री, नवंबर 2005 से अप्रैल 2008 तक ऊर्जा मंत्री, अप्रैल 2008 से नवंबर 2010 तक जल संसाधन मंत्री, फरवरी 2020 से नवबंबर 2010 तक निबंधन एवं उत्पाद मंत्री, मई 2010 से नवंबर 2010 तक उद्योग, परिवहन मंत्री, नवंबर 2010 से ऊर्जा मंत्री और मांझी कैबिनेट में वित्त एवं वाणिज्यकर विभाग, 2015 में ऊर्जा एवं वाणिज्यकर मंत्री बने।
विधायक।
बिहार विधान सभा के सदस्य : वर्ष1990, 1995, 2000, मार्च व नवम्बर 2005, 2010 व साल 2015 और 2020 में निर्वाचित हुए।