पुलिस हिरासत या मुठभेड़ में कैसे हुई मौत? NHRC को देनी होगी जानकारी
गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा संचालित एनएचआरसी नेट पोर्टल पर न्यायिक हिरासत, पुलिस हिरासत या मुठभेड़ में हुई मौतों की जानकारी देनी है।
बिहार में न्यायिक हिरासत, पुलिस हिरासत या पुलिस मुठभेड़ में होने वाली मौत की जानकारी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को देनी होगी। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग द्वारा पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए सभी स्तरों पर छानबीन की जाएगी। पहले आयोग द्वारा निर्धारित फार्मेट में राज्यों को पोस्टमार्टम, वीडियोग्राफी और मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट सहित सभी रिपोर्ट घटना के दो महीने के भीतर भेजी जानी थी, लेकिन आयोग ने अब इसमें बदलाव किया है।
एनएचआरसी नेट पोर्टल पर देनी होगी जानकारी
गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा संचालित एनएचआरसी नेट पोर्टल पर न्यायिक हिरासत, पुलिस हिरासत या मुठभेड़ में हुई मौतों की जानकारी देनी है। एक मई 2023 के बाद हुई इस प्रकार की सभी घटनाओं को पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। इससे एनएचआरसी को किसी भी घटना की विस्तृत जानकारी ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगी। अब महीनों तक विस्तृत सूचनाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया लंबित रखने की प्रवृति पर अंकुश लगेगा।
उप सचिव को बनाया नोडल पदाधिकारी
गृह विभाग द्वारा 30 जून 2023 को दिए गए निर्देश के आलोक में वित्त विभाग ने एनएचआरसी से जुड़े मामलों को लेकर विभागीय उप सचिव को नोडल पदाधिकारी नामित किया है। वित्त विभाग के अवर सचिव सूर्य किशोर प्रसाद द्वारा गृह विभाग (विशेष शाखा) के विशेष सचिव को लिखे पत्र के अनुसार उप सचिव मृणायक दास को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है। गृह विभाग द्वारा अलग-अलग विभागों से एक-एक नोडल पदाधिकारी नामित करने को कहा गया है।