लालू यादव के साले साधु का नया पता बेऊर जेल, 23 साल पुराने केस में मिली सजा, MP-MLA कोर्ट का फैसला
23 साल पुराने केस में लालू यादव के साले साधु को आज MP-MLA कोर्ट ने बेऊर जेल भेज दिया गया। 2022 में 3 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में सरेंडर के बाद सुनवाई की बात कही थी।
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के साले साधु यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज जेल भेज दिया है। जिस मामले में साधु यादव को बेऊर जेल भेजा गाय है। वो मामला 23 साल पुराना है। जब साल 2001 में साधु पर परिवहन आयुक्त को धमकाने और कार्यालय में हंगामा करने का मामला दर्ज हुआ था। साल 2021 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में साधु को 3 साल की सजा सुनाई थी। वहीं पटना हाईकोर्ट ने सजा के खिलाफ दायर अपील पर सरेंडर के बाद सुनवाई की बात कही थी।
परिवहन विभाग के आयुक्त कार्यालय में हंगामा करने, अधिकारियों को धमकाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में गोपालगंज के पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव को बेऊर जेल भेज दिया गया। हाईकोर्ट के निर्देश पर साधु यादव ने एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में गुरुवार को समर्पण किया था।
जिला अभियोजन पदाधिकारी पटना उमेश प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2001 का एक आपराधिक मामला साधु यादव के खिलाफ दर्ज हुआ था। इसी आपराधिक मामले में एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी आदि देव ने वर्ष 2022 में साधु यादव को तीन वर्ष की कैद और जुर्माने की सजा सुनायी थी। सजा के बाद विशेष अदालत ने साधु को औपबंधिक जमानत पर मुक्त कर दिया था। साधु यादव ने सजा के फैसले को एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट में चुनौती दी थी।
विशेष कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया था। इसके बाद साधु यादव ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद साधु यादव को निचली कोर्ट में सरेंडर कर प्रमाण पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। इसके बाद पूर्व सांसद ने एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए बेऊर जेल भेज दिया गया।