मुजफ्फरपुर नेटवर्किंग-सेक्स कांड में पुलिस की बड़ी लापरवाही, आईओ के मोबाइल से गुनाह के सबूत गायब
पीड़िता ने बताया कि उससे आईओ ने कहा है कि पटना के पालीगंज इलाके की गवाह ने अपना बयान थाने पर दिया था। उसके बयान का वीडियो डिलिट हुआ है। कई अन्य बयान भी गायब हैं जिन्हें कोर्ट में पेश करना है।
बिहार भर में चर्चित मुजफ्फरपुर के डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी पर लगे ठगी और यौन शोषण कांड में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कांड में आरोपों की जांच कर रहे आईओ जीतेंद्र महतो के मोबाइल से सबूत गायब हो गए हैं। अहियापुर थाने के दारोगा जीतेंद्र ने फिर से गवाहों को लाने के लिए सारण की पीड़िता से संपर्क साधा है। पहले भी इस मामले मं पुलिस पर गंभीर आरोप लगे। पीड़िता की बात थाने में नहीं सुनी गयी तो उसने कोर्ट की शरण ली थी। कंपनी के अधिकारियों ने पीड़िता के न सिर्फ मारपीट की बल्कि शादी और प्रमोशन झांसा देकर कई बार रेप किया
आईओ ने उसे बताया है कि उसका मोबाइल फर्मेट हो गया है। इस कारण रिकॉर्ड किए गए गवाहों के बयान उड़ गए हैं। सभी गवाहों के बयान का वीडियो फिर से बनाना है। इसके लिए गवाहों को दोबारा थाने पर बुलाकर लाएं। बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग कोर्ट में देनी है। आईओ के बुलावे पर पीड़िता का भाई गुरुवार को अहियापुर थाने में आईओ से मिला। पीड़िता ने पुलिस के इस रवैये पर सवाल उठाया। साथ ही दोबारा बयान के लिए सभी गवाहों को फिर से थाना पर लाने के लिए वह संपर्क साध रही है। उसने कहा कि पुलिस कितना भी चाह ले, लेकिन वह इंसाफ के लिए हर तरह से संघर्ष करेगी।
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गवाहों को धमकी मिल रही है
पीड़िता ने बताया कि उससे आईओ ने कहा है कि पटना के पालीगंज इलाके की गवाह ने अपना बयान थाने पर दिया था। उसके बयान का वीडियो डिलिट हुआ है। इसके अलावा मीनापुर की गवाह सह पीड़िता और सीवान की पीड़िता सह गवाह के बयान का वीडियो थाने पर बनाया गया था। इनके बयान का वीडियो आईओ के मोबाइल से गायब होना बड़ी बात है। क्योंकि अब तीनों गवाहों को धमकी मिल रही है और उनपर बयान बदलने का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं, आईओ जीतेंद्र महतो ने कहा कि तीन गवाहों का बयान केस डायरी में अंकित है। मोबाइल फॉर्मेट के बाद डिलिट हुए गवाहों के बयान का वीडियो रिकवर करा लेंगे।
थाने में पीड़िता के जब्त मोबाइल से चल रहा व्हाट्सएप
सारण की पीड़िता ने अहियापुर थाना में जब्त मोबाइल से छेड़छाड़ की आशंका जताई है। उसने बताया कि उसका मोबाइल बीते 17 जून से ही थाना में जब्त है। लेकिन, उसके मोबाइल में व्हाट्सएप चल रहा है। दो दिन पहले तक उसका व्हाट्सएप ऑनलाइन बता रहा था। सवाल उठाया कि आखिर उसके मोबाइल में व्हाट्सएप कौन चला रहा है। जब्त माबाइल में व्हाट्सएप कोई कैसे चला सकता है। पीड़िता ने कहा कि उसके मोबाइल में आरोपित कंपनी और कांड के नामजद आरोपितों के खिलाफ कई महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं। मोबाइल जब्ती की रसीद भी पुलिस ने उसे अब तक नहीं दी है। पुलिस अगर जब्त मोबाइल को चला रही है तो कोर्ट से अनुमति क्यों नहीं ली। पीड़िता का भाई इसमुद्दे पर कांड के आईओ मिला। आईओ ने उससे कहा है कि मोबाइल वापस लेने के लिए उसे कोर्ट में अर्जी देनी होगी। पीड़िता ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
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