पटना AIIMS की लापरवाही की होगी जांच, नीतीश सरकार ने दिया आदेश, एक मरीज के दो डेथ सर्टिफिकेट किए थे जारी
पटना एम्स द्वारा एक मरीज के दो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के मामले की जांच अब बिहार के जन्म और मृत्यु के मुख्य रजिस्ट्रार करेंगे। 17 फरवरी को बिहार सरकार की एक टीम जांच के लिए पटना एम्स जाएगी
पटना एम्स द्वारा एक मरीज के दो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के मामले की जांच अब बिहार के जन्म और मृत्यु के मुख्य रजिस्ट्रार करेंगे। सोमवार को इस मामले को जानने वाले सरकारी अधिकारियों ने ये बात कही। इस मामले की जांच के लिए बिहार सरकार की टीम 17 फरवरी को एम्स जाएगी। बिहार सरकार ने 11 फरवरी को मामले की जांच का आदेश दिया था।
हिंदुस्तान टाइम्स से बिहार सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, नियोजन और विकास, अरुणिश चावला ने कहा, कि हमने मामले का संज्ञान लिया है। मैंने मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म और मृत्यु), बिहार को जांच करने और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। वहीं बिहार के मुख्य रजिस्ट्रार, जन्म और मृत्यु शंकर ने कहा कि उन्होंने सोमवार को एम्स प्रशासन को अपने दौरे की तारीख के बारे में बताया था।
एक मरीज के दो मृत्यु प्रमाण पत्र
एम्स ने बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के कंप्यूटर प्रोग्रामर 39 वर्षीय राजीव कुमार निराला के दो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए थे, जिनकी 22 अक्टूबर, 2020 को संस्थान में कोरोनावायरस से मृत्यु हो गई थी। प्रत्येक प्रमाणपत्र में पति या पत्नी का नाम अलग था। प्राची प्रिया, जो अब पटना में अपने माता-पिता के साथ रहती है, मृतक के पिता 62 वर्षीय जनार्दन प्रसाद को 5 नवंबर, 2020 को जारी प्रारंभिक मृत्यु प्रमाण पत्र में निराला की पत्नी के रूप में उल्लेख किया गया था। छह दिन बाद, एम्स ने प्रमाण पत्र में संशोधन किया, जिसमें पत्नी का नाम पूजा कुमारी बताया गया, जिससे निराला ने कथित तौर पर 2016 में शादी की थी।
मृतक के पिता ने दायर की थी RTI
मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर, कुमारी ने मार्च-अप्रैल 2021 में, राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये के मुआवजे का दावा किया था। मृतक के पिता ने एम्स के कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया है आर्थिक लाभ के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र में संशोधन किया गया है। उन्होंने संशोधित मृत्यु प्रमाण पत्र को चुनौती दी है।
लेकिन एम्स ने मृत्यु प्रमाण पत्र को संशोधित करने के अपने निर्णय के बावजूद, पति या पत्नी का नाम हटाने के बावजूद अभी तक कार्रवाई नहीं की है। एम्स में बार-बार की गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो जर्नादन प्रसाद ने 1 दिसंबर, 2022 को एक आरटीआई दायर की। प्रसाद ने कहा कि यह जानने की कोशिश करते हुए कि मृत्यु प्रमाण पत्र में निराला के जीवनसाथी का नाम किस आधार पर बदला गया, इसे 11 नवंबर, 2020 को संशोधित किया गया। जिस पर पटना एम्स ने कोई जवाब नहीं दिया।
जन्म और मृत्यु के मुख्य रजिस्ट्रार करेंगे जांच
अब इस मामले को राज्य के योजना और विकास विभाग को भारत के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का काम सौंपा गया है। बिहार सरकार ने फरवरी 1988 में अस्पतालों के उपाधीक्षक को संबंधित स्वास्थ्य सुविधा के जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार के रूप में नामित किया था। एम्स-पटना के मामले में, इसके अधीक्षक संस्थान में जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार भी हैं।