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नीट पेपर लीक: पटना एम्स के छात्रों ने सॉल्व किया था प्रश्न पत्र, सीबीआई रिमांड पर लेकर कर रही पूछताछ

नीट पेपर लीक मामले में पुलिस ने सॉल्वर गैंग के सदस्यों को पकड़ा है। पटना एम्स के चार छात्रों ने नीट का प्रश्न पत्र सॉल्व किया था। इसके बाद सेटरों ने नीट अभ्यर्थियों को हल किया हुआ पेपर उपलब्ध कराया।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, पटनाFri, 19 July 2024 08:56 AM
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नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पटना एम्स के चार छात्रों को गिरफ्तार कर उन्हें चार दिनों के रिमांड पर लिया है। जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार छात्रों में चंदन सिंह, राहुल आनंद और कुमार शानू एमबीबीएस के थर्ड ईयर (2021 बैच) के छात्र हैं, जबकि करण जैन 2022 बैच का सेकंड ईयर का छात्र है। गिरफ्तार एमबीबीएस के इन सभी छात्रों की नीट के लीक प्रश्न-पत्र को सॉल्व करने में भूमिका रही है। एम्स प्रशासन की ओर से इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। नीट पेपर लीक में संलिप्त छात्रों को बर्खास्त किया जा सकता है, शुक्रवार को इस पर फैसला लिया जाएगा। सीबीआई ने सुरेंद्र कुमार नाम के एक बिचौलिया को भी गिरफ्तार किया है। 

सीबीआई ने बुधवार की देर रात एमबीबीएस छात्रों को हिरासत में लेने के बाद इनसे पूछताछ की और गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें पटना स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया गया। अदालत ने चारों छात्रों और बिचौलिया को पूछताछ के लिए चार दिनों के रिमांड पर लेने की अनुमति दी। सीबीआई की टीम बुधवार की देर रात फुलवारी स्थित एम्स के छात्रावास में पहुंची थी। संस्थान के निदेशक के विशेष कार्य पदाधिकारी, डीन और छात्रावास के वार्डन की मौजूदगी में 2021 बैच के तीन छात्रों को छात्रावास संख्या-9 से हिरासत में लिया गया। इसके बाद 2022 बैच के एक अन्य छात्र कुमार शानू को सीबीआई के अधिकारी ने फोन कर बुलाया। इस छात्र ने जांच टीम के समक्ष सरेंडर कर दिया। गुरुवार को दिनभर इनसे पूछताछ चली।

सूत्रों के मुताबिक इनके बारे में नीट पेपर लीक गिरोह के पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से इनपुट मिले थे। जांच एजेंसी इनसे यह पता करने में जुटी हुई है कि नीट के प्रश्नपत्र को किन-किन स्थानों पर किन लोगों को भेज कर हल कराया गया था। इन्हें किस व्यक्ति ने प्रश्नपत्र मुहैय्या कराया था। प्रश्नपत्र हल कराने के एवज में कितनी राशि का भुगतान किया गया। छात्रों के लैपटॉप, मोबाइल और बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। कुमार शानू अथमलगोला (पटना), राहुल आनंद खुसरुपुर, चंदन सिंह सिवान और करण जैन अररिया का रहने वाला है।

पंकज ने ही सॉल्वर गैंग को भेजा था नीट का प्रश्न-पत्र
नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही सीबीआई ने पंकज कुमार उर्फ आदित्य तथा राजू सिंह से गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी पूछताछ की। अब तक की जांच में यह पता चला है कि पंकज ने प्रश्नपत्र को निकालने के बाद सबसे पहले हजारीबाग में सॉल्वर के एक गिरोह को दिया था। इस गिरोह की पहचान सीबीआई ने कर ली है। पटना एम्स से गिरफ्तार हुए चारों छात्र इसी सॉल्वर गिरोह के सदस्य बताए जा रहे हैं। 

पंकज को पटना और राजू को हजारीबाग से पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था। दोनों सीबीआई की रिमांड पर हैं। पंकज ने ही हजारीबाग के एक निजी स्कूल स्थित नीट परीक्षा केंद्र से बॉक्स को तोड़कर प्रश्नपत्र निकाले थे। राजू ने इसमें उसका सहयोग किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी पंकज से यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसने किसके कहने पर इस वारदात को अंजाम दिया है? उसका सरगना या मास्टरमाइंड कौन है? कितने पैसे उसे इस काम के मिले थे? इन पैसों का भुगतान किस माध्यम से किया गया था? राजू को कितनी राशि मिली? अभी इन दोनों ने पैसे कहां छिपा रखे हैं या इनका निवेश किन स्थानों पर किया है? पंकज ने ही रॉकी को पेपर दिया था या किसी अन्य माध्यम से रॉकी तक यह पहुंचा?  पंकज ने प्रश्न-पत्र की चोरी करने के बाद इसे सबसे पहले किसे दिया, इसकी भी जांच चल रही है। यह बात सामने आई है कि राजू की भूमिका फिलहाल सिर्फ सहयोग करने वाली रही है। संजीव मुखिया, रॉकी समेत अन्य सेटरों से इनके संबंध और लेनदेन की भी जांच की जा रही है।

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