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NEET Exam: कोर्ट में आत्मसमर्पण की फिराक में है UP का राज पांडेय, राजस्थान के सॉल्वर ने दी थी उसकी परीक्षा

मुजफ्फरपुर पुलिस प्रयागराज से लौट आई है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस राज पांडेय को पकड़ने के लिए दबिश तेज कर दी है। राज पांडेय के पिता डॉ. आरपी पांडेय का अस्पताल भी लगातार बंद चल रहा है।

Sudhir Kumar प्रमुख संवाददाता, हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरFri, 28 June 2024 03:18 AM
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मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाने के मालीघाट स्थित डीएवी सेंटर पर नीट एग्जाम में साल्वर से परीक्षा दिलाने का आरोपित राज पांडेय न्यायालय में सरेंडर कर सकता है। आरोपी राजपांडे  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज निवासी है। उसको न्यायालय में सरेंडर कराने के लिए प्रयागराज और मुजफ्फरपुर के वकीलों से संपर्क साधा गया है। मुजफ्फरपुर के एक सीनियर वकील इसमें आरोपित की ओर से कागजात भी तैयार करा रहे हैं। पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती है लेकिन वह गिरफ्तारी के डर से भागा फिर रहा है।

इस बीच मुजफ्फरपुर पुलिस प्रयागराज से लौट आई है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस राज पांडेय को पकड़ने के लिए दबिश तेज कर दी है। राज पांडेय के पिता डॉ. आरपी पांडेय का अस्पताल भी लगातार बंद है। इधर, मामले की जांच कर रहे मिठनपुरा थाने के दारोगा मिथुन कुमार अब इस मामले में दोनों आरोपितों के नाम पर वारंट और  इश्तेहार के लिए न्यायालय में अर्जी देंगे। इस मामले में सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि सीसीटीवी की जांच में मालीघाट डीएवी की केंद्राधीक्षक के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिल रहा है। ऐसे में सेंटर राज पांडेय की जगह परीक्षा देते हुए धराए जोधपुर एम्स के छात्र हुकमा राम के कॉपी सील होने में सेंटर अधीक्षक के व्यस्त होने के दौरान ही निकल जाने की आशंका है। बताया कि मिठनपुरा पुलिस को आरोपित को सौंपने और आवेदन देने से इंकार करने को लेकर सेंटर अधीक्षक डॉ. भारती नायक की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।


मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मी भी जांच के दायरे में

साल्वर हुकमा राम के पकड़ में आने के बाद छूट जाने के मामले में ना केवल सेंटर अधीक्षक डॉ. भारती नायक की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, बल्कि अब जांच के दायरे में सेंटर पर तैनात मैजिस्ट्रेट और मिठनपुरा थाने के पुलिसकर्मी भी आ गए हैं। इस कांड में सेंटर पर तैनात मजिस्ट्रेट और पुलिस कर्मियों से आईओ पूछताछ कर केस डायरी में बयान दर्ज करेंगे। आईओ यह पूछेंगे कि आरोपित हुकमा राम के धराने और सेंटर से गायब हो जाने के दौरान ये लोग कहां थे, जब हुकमा राम को छोड़ा गया, तब उनसे क्या कहा गया। इसको लेकर सिटी एसपी ने आईओ को निर्देश दिया है। इसके साथ ही सीसीटीवी में अब यह साक्ष्य भी तलाशने का प्रयास हो रहा है कि सेंटर पर पहुंचे दारोगा रामकृष्ण परमहंस के सामने आरोपित आया था या नहीं।

क्या है मामला?

यह मामला कुछ इस प्रकार है। पांच मई को मुजफ्फरपुर स्थित डीएवी स्कूल सेंटर पर दूसरे की जगह परीक्षा देने आए राजस्थान के हुकमा राम को पकड़ा गया था। वह प्रयागराज यूपी निवासी राज पांडे के बदले एग्जाम देने या था। लेकिन फिंगर प्रिंट में पकड़ा गया। हुकमा राम मेडिकल का छात्र है। पकड़ लेने के बाद सूचना मिठनपुरा थाना पुलिस को दी गयी। पुलिस ने सेंटर सुपरिंटेंडेंट से लिखित शिकायत देने को कहा। इस पर सहमति नहीं बन रही थी। इसी बीच हुकमा राम फरार हो गया। अब मुजफ्फरपुर पुलिस के वरीय अधिकारी हुकमा राम की फरारी में पुलिस और परीक्षा केंद्र के कर्मियों की भूमिका की भी छानबीन कर रहे हैं।

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