मुजफ्फरपुर में पंचायत चुनाव: वोटर लिस्ट का काम पूरा, जानिए कितने बढ़ गए इस बार वोटर
मुजफ्फरपुर में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची का काम पूरा हो गया। विखंडन के बाद जारी सूची के अनुसार पंचायत चुनाव के दौरान जिले में कुल 3054457 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।...
मुजफ्फरपुर में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची का काम पूरा हो गया। विखंडन के बाद जारी सूची के अनुसार पंचायत चुनाव के दौरान जिले में कुल 3054457 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। विधानसभा चुनाव के बाद मतदाताओं की संख्या में करीब एक लाख की वृद्धि हुई है, जबकि सात नगर निकायों के गठन के कारण बड़ी संख्या में मतदाता नगर निकाय में चले गए हैं। विखंडन के बाद अब मतदाता सूची का प्रकाशन कर उसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा। प्रावधान के अनुसार अब यह सभी पंचायतों में उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्याशियों के लिए भी यह सूची अब उपलब्ध रहेगी।
बदल गई भावी प्रत्याशियों की दिनचर्या :
रानीगंज में तीसरे चरण में आठ अक्टूबर को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होगा। लेकिन अभी से क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में चुनाव की सरगर्मी काफी तेज हो चुकी है। निवर्तमान मुखिया जी से लेकर भावी मुखिया व अन्य पदों के प्रत्याशियों के दिनचर्या बदल चुकी है। जहां पहले मुखिया जी से कभी कभाल ही मुलाकात हो पाती थी वहीं अब मुखिया जी गांव की गलियारों में घूमने लगे है। गांव की राजनीतिक सरगर्मी का आलम यह है कि क्या दिन और क्या रात। सुबह के पांच बजे से ही गांव में चौपल लगने शुरू हो जाते हैं जो देर रात तक चलती है। वर्तमान जनप्रतिनिधि अपने पांच सालों में किये कामों के साथ अगले पांच साल के लिए करने योग्य काम भी लोगों को गिना रहे हैं। अमुक सड़क नहीं बन सकी है फंड ही कम था। अब चुनाव जीतते ही सबसे पहले यही सड़क बनेगी के आश्वासन के सहारे वर्तमान जनप्रतिनिधि दोनों बातों को साथ रखते है। वहीं भावी उम्मीदवार भी कहां किसी से कम रहने वाले है। वे भी लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन देकर लोगो के विश्वास जितने में लगे है।
वहीं पिछले चुनाव में हारे उम्मीदवार तो इस बार मौका किसी भी कीमत पर खोने को तैयार नहीं है। अपने कुछ समर्थकों के साथ डोर टू डोर लोगों से मिल रहे है। लोगों के परिवार के हर सदस्य पर उनकी नजर है। यदि कोई दिल्ली पंजाब में मजदूरी करने गया है तो उनका मोबाइल नम्बर लेकर हाल चाल पूछने में लगे है। साथ ही जल्द घर आने को भी कहने लगे। आने जाने का भाड़े का खर्च एडवांस में भेजने लगे है। ताकि वोट को सुरक्षित कर सके। कुल मिलाकर देखें तो पंचायत चुनाव की पूरी सरगर्मी अभी से गांवों में दिखने लगी है।