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मुजफ्फरपुर: 4 साल में दोगुने, 10 साल में 4 गुने वाली स्कीम से 100 करोड़ का गबन, महुआ ग्रुप का फर्जीवाड़ा

मुजफ्फरपुर में लोगों का पैसा 4 साल में दोगुना और 10 साल में चार गुना करने की स्कीम चला कर महुआ डेयरी ने 100 करोड़ का गबन कर लिया। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।

Sandeep वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरSun, 29 Jan 2023 03:31 PM
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मुजफ्फरपुर में महुआ ग्रुप कंपनी की सह महुआ डेयरी पर 100 करोड़ के गबन के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है। सैकड़ों लोगों की जमा पूंजी हड़पने का आरोप लगाया गया है। कांटी थाने के कोठिया निवासी संजय सहनी के परिवाद पर कोर्ट ने केस दर्ज करने का आदेश दिया था। जिसके आधार पर सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें डेयरी की अध्यक्ष मालती साह, महुआ ग्रुप कंपनी के संचालक जवाहर साह, महुआ डेयरी के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष कुमार, महुआ ग्रुप की टीम लीडर तनु साह को नामजद और अन्य अज्ञात को आरोपी बनाया गया है।

कई जिलों में है कंपनी के कार्यालय
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने झांसा दिया था कि चार से पांच साल में रुपये दोगुने और 10 साल में रुपये चार गुने हो जाएंगे। इसके अलावा अन्य कई तरह की जमा स्कीम में बड़े फायदे बताकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये जमा कराए गए। 10 साल के बाद जब टर्म पूरा हुआ तो रुपये नहीं दिये गये। इस तरह केवल मुजफ्फरपुर जिले में 25 करोड़ रुपये और सूबे के अलग-अलग जिलों में 100 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जीवाड़ा और गबन का आरोप लगाया गया है।

कोर्ट ने दिया कंपनी पर मुकदमा करने का आदेश
जमाकर्ताओं को कंपनी की ओर से सर्टिफिकेट, मनी रिसिप्ट दिया गया था। जमा राशि की परिपक्वता की अवधि पूर्ण हुई तो भुगतान का दावा किया गया था। जब कंपनी की ओर से बार-बार टाल मटोल किया जाने लगा तो लोगों को शक हुआ। कोर्ट के आदेश पर सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। जिसमें अध्यक्ष व एमडी समेत चार नामजद हुए हैं।

नगर डीएसपी राघव दयाल ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की गई है। परिवादी व गवाहों से कंपनी में जमा कराई गई राशि का साक्ष्य मांगा गया है। रसीद व अकाउंट के आधार पर छानबीन कर साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

परिपक्वता अवधि पूर्ण हुई तो करने लगे टालमटोल
सदर थाने में एफआईआर के बाद एसआई रेखा कुमारी को छानबीन के लिए आईओ बनाया गया है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि सभी आरोपी महुआ प्रोजेक्ट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड एवं महुआ ग्रुप की अन्य समितियों व कंपनियों के मुख्य कर्ताधर्ता हैं, जो महुआ ग्रुप की विभिन्न कम्पनियों एवं समितियों का निबंधन सहकारिता विभाग से कराकर, मुजफ्फरपुर और सूबे की अन्य जगहों पर कार्यालय खोलकर आम लोगों से रुपये वसूलते रहे। प्रतिदिन जमा योजना, मासिक जमा योजना, सावधि जमा योजना पर आकर्षक ब्याज देने का भरोसा दिया गया था। बाद में वे टाल मटोल करने लगे थे। फिलहाल सैकड़ों लोगों की मेहनत की कमाई फंसी हुई है। 
 

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