सनक : सिपाही ने बहन के देवर की गोली मार की हत्या, जो सामने आया उस पर भी करने लगा फायरिंग

पटना पुलिस लाइन में कैदी वाहन की ड्यूटी में जा रहे सिपाही दिलीप कुमार ने अपने रिश्तेदार और अगमकुआं थाने के चालक सिपाही राजेंद्र सिंह के बेटे दीपक सिंह की एसएलआर से गोली मारकर हत्या कर दी। दीपक को आंख...

कार्यालय संवाददाता पटनाWed, 16 May 2018 01:33 AM
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पटना पुलिस लाइन में कैदी वाहन की ड्यूटी में जा रहे सिपाही दिलीप कुमार ने अपने रिश्तेदार और अगमकुआं थाने के चालक सिपाही राजेंद्र सिंह के बेटे दीपक सिंह की एसएलआर से गोली मारकर हत्या कर दी। दीपक को आंख के समीप गोली लगी। उसने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया। घटना मंगलवार सुबह लगभग सात बजे हुई। मृतक के पिता राजेंद्र सिंह मूल रूप से औरंगाबाद के दलेलचक गांव के रहने वाले हैं। वहीं आरोपित दिलीप पटना के बख्तियारपुर का रहनेवाला है। 

  • कोर्ट से कैदियों को पेशी करवाने की ड्यटी पर जा रहे सिपाही दिलीप ने दिया घटना को अंजाम 
  • मृतक आरोपित की बहन का था देवर, मूल रूप से औरंगाबाद के दलेलचक गांव का था निवासी

हत्या करने के बाद आरोपित सिपाही एसएलआर लहराते हुये दीपक की मां और उसे बचाने के लिये आगे अन्य लोगों पर फायरिंग करने लगा। हालांकि गोली किसी को लगी नहीं। इसके बाद सिपाही पुलिस लाइन की मेनगेट की ओर भागा। यहां सार्जेंट मेजर के पुराने कार्यालय के सामने पुलिस लाइन के प्रशिक्षण केंद्र में तैनात हवलदार सुरेश कुमार ने उसे पकड़ लिया। एसएलआर की छीना-झपटी में सैकड़ों पुलिसकर्मी वहां इकठ्ठा हो गये। इस दौरान आरोपित दिलीप ने एसएलआर से हवलदार सुरेश का सिर फाड़ दिया। किसी तरह दिलीप को काबू किया गया और उससे हथियार छीना गया।

6.45            सुबह मंगलवार सिपाही ने अगमकुआं थाने में ड्राइवर के बेटे की गोली मार हत्या की  
10            मिनट तक इधर-उधर झकाने के बाद आरोपित सिपाही को काबू में कर पकड़ा गया 

वारदात की खबर मिलते ही एसएसपी मनु महाराज, पुलिस लाइन डीएसपी मो. मसलेहउद्दीन, सार्जेंट मेजर उदय कुमार के अलावा डीएसपी कोतवाली मो. शिब्ली नोमानी और बुद्धा कॉलोनी थानेदार मनोज मोहन दल-बल के साथ पहुंचे। आरोपित सिपाही को गिरफ्तार कर थाने लाया गया। उसकी एसएलआर जब्त कर ली गयी। 
बहन को कहा, चाय बनाओ फिर करने लगा फायरिंग 
दिलीप मृतक दीपक सिंह के बड़े भाई अंशु का साला है। अंशु भी चालक सिपाही है। मंगलवार सुबह दिलीप सिपाही राजेंद्र सिंह के दो मंजिले स्थित फ्लैट में गया। वहां उसने अपनी बहन यानी अंशु की पत्नी से चाय मांगी। फिर वह नीचे चला गया। चाय बनने के बाद उसकी खोज होने लगी। इस बीच एकाएक दिलीप ने बाहर के कमरे में सो रहे दीपक को गोली मार दी।  
गोली चलते ही मां, भाई और पड़ोसी दौड़े
गोली चलाते देख दीपक की मां और भाई अंशु उस ओर दौड़े। शोर-शराबा सुनकर सामने के फ्लैट में रहने वाले बिहार पुलिस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जेड खान, उनकी पत्नी इस्मत और बेटी अरूशा दीपक के कमरे की ओर गये। दारोगा जेड खान ने उससे एसएलआर छीनने की कोशिश की। हथियार जमीन पर गिरा भी लेकिन सिपाही उसे लेकर एक तल्ले से छलांग लगाते हुये भाग निकला। इसके बाद नीचे जाकर उसने जेड खान और दीपक के परिजनों पर फायरिंग शुरू की फिर दूसरी ओर भाग निकला। 
एफएसएल टीम पहुंची मौके पर 
एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की। एक खोखा मिला है जिसे एफएसएल ने जब्त कर लिया है। फिंगरप्रिंट भी लिये गये हैं। वहीं कोतवाली डीएसपी शिब्ली नोमानी ने बताया कि मेडिकल बोर्ड का गठन कर दीपक के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। इसकी पूरी विडियो रिकॉर्डिंग भी की गयी है। 
जमीन का विवाद या पारिवारिक कलह : किन कारणों से दिलीप ने वारदात को अंजाम दिया, इसका पता नहीं चल सका है। पुलिस लाइन में कई चर्चाएं हैं। कोई इसे जमीन को लेकर हुये विवाद का परिणाम बता रहा है तो कई इसे पारिवारिक कलह बता रहे हैं। 
ठीक से जवाब नहीं दे रहा आरोपी सिपाही
आरोपी सिपाही से जब घटना के बाबत पूछताछ की गयी तो वह ठीक से जवाब नहीं दे पा रहा था। उसने कहा कि हथियार की छीना-झपटी के दौरान गोली चल गयी। इसके बाद उसने जमीन विवाद की बात भी कही फिर चुप हो गया। 
बिलख गयी मां, सामने ही बेटे ने छटपटाकर तोड़ दिया दम
हमर बबुआ रे..ए राजेंद्र बाबू हमर बबुआ कहां चल गलई। सुतले में मार देलकई रे..। हमर बबुआ हीरो हलई हे भगवान, सब उजड़ गलई। हमर बबुआ के आंख में गोली मार देलकई हे भगवान...आंख के सामने ही बेटे की हत्या होने के बाद रेणु बिलख कर रह गयीं। सोये हुये दीपक को जब गोली लगी तो वह कुछ समय बिस्तर पर ही छटपटाया फिर उसने दम तोड़ दिया। राजेंद्र की पत्नी रेणु अपने छोटे बेटे दीपक की लाश के सामने ही बेहोश हो गयीं। होश आने पर परिवारवालों ने किसी तरह उन्हें संभाला। दीपक घर का सारा काम करता था। मां की करुण चीत्कार सुनकर आसपास मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गयीं। संकट की घड़ी में परिवार के मुखिया और दीपक के पिता राजेंद्र किसी तरह खुद को संभाल रहे थे। बेटे की याद में वे जब भावुक होते, परिवारवाले उन्हें संभालते। राजेंद्र का पूरा परिवार यहां पुलिस लाइन में पानी टंकी के समीप सरकारी क्वार्टर में रह रहा था। 
एक दिन पहले ही पत्नी गयी थी मायके 
बड़े अरमान से मां-बाप ने छोटे बेटे दीपक की शादी की थी। वारदात से ठीक एक दिन पहले यानी सोमवार को उसकी पत्नी अपने मायके गयी थी। सुबह के वक्त जैसे ही यह मनहूस खबर दीपक की पत्नी को मिली वो बदहवास हो गयी। फोन पर ही राजेंद्र ने उसे ढांढस बंधाया। 
पैतृक घर में होगा अंतिम संस्कार : दीपक का अंतिम संस्कार उसके पैतृक घर औरंगाबाद में ही होगा। दोपहर में राजेंद्र अपने परिवार के साथ औरंगाबाद निकल गये। 
राजेंद्र के परिवार के साथ ही रहता था दिलीप : हत्या के आरोपी दिलीप को शादी से पहले राजेंद्र जानते थे। दिलीप की बहन से बड़े बेटे की शादी होने के बाद वह राजेंद्र के फ्लैट के सामने ही एक टीन के शेड में रहता था। राजेंद्र के घर में ही दिलीप खाना भी खाता था। 

आरोपित सिपाही को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे बर्खास्त किया जाएगा। छानबीन की जा रही है। किन कारणों से उसने ऐसा किया, पता लगाया जा रहा है। 
-मनु महाराज, एसएसपी, पटना 

मानसिक रोगी था सिपाही दिलीप, फिर भी दे दिया हथियार
सिपाही दिलीप सिंह पुलिस लाइन में एसएलसी (हवलदारी ट्रेनिंग ) कर रहा था। यहां उसे ड्यूटी भी दी जाती थी। पुलिस लाइन के अधिकतर जवानों का कहना है कि दिलीप दिमागी रूप से अस्वस्थ था। उसे ड्यटी बांटने से पहले किसी ने इस ओर गौर नहीं किया। पुलिसलाइन में रहनेवाली कुछ महिलाओं ने भी कहा कि बीते सोमवार से ही दिलीप अजीब हरकत कर रहा था। परिजनों के मुताबिक कंकड़बाग स्थित एक नामी डॉक्टर के यहां उसका इलाज चल रहा था। कुछ वर्ष पूर्व दिलीप के 13 साल के बेटे की बख्तियारपुर में हत्या हो गयी थी। इसके बाद से वह दिमागी रूप से अस्वस्थ रहने लगा था। मंगलवार को पुलिस लाइन के डीएसपी वन से दिलीप को ड्यूटी दी गयी थी। 
कोर्स कर रहा था तो क्यों दी गयी ड्यूटी : सवाल यह है कि जब दिलीप एसएलसी यानी सीनियर लीडरशीप कोर्स कर रहा था तो उसे ड्यूटी क्यों बांटी गयी। दिमागी रूप से अस्वस्थ ऐसे सिपाही को जेल से बंदियों को कोर्ट ले जाने की ड्यूटी कैसे दे दी गयी। 


 

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