Bihar Monsoon Rain: इस डेट तक बिहार में आएगा मानसून, ला-नीना के प्रभाव से होगी झमामझम बारिश
दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले ही 29 मई को अंडमान-निकोबार में प्रवेश कर गया था। इसके बाद अनुमानित समय से दो दिन पहले ही केरल में 30 मई को प्रवेश कर गया।
Bihar Monsoon Rain: बिहार में चार वर्षों के बाद मानसून इस बार देरी से आएगा। इन चार वर्षों के दौरान मानसून तीन बार 13 और एक दफे 12 जून को सूबे में प्रवेश कर गया था। लेकिन, इस वर्ष मानसून कब बिहार पहुंचेगा इसका पूर्वानुमान अबतक जारी नहीं हुआ है।
भले ही मानसून देरी से आ रहा है पर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ला-नीना के प्रभाव से बारिश सामान्य से अधिक होने के आसार हैं। बिहार में मानसून प्रवेश करने की संभावित तिथि 13 से 15 जून के बीच है। दरअसल, बिहार में आने वाली मानसून की शाखा पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर में 31 मई से रुकी हुई है। वहीं, पश्चिम से दक्षिण की ओर मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है जो महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के बाद गुजरात में भी प्रवेश कर गया है।
बंगाल की खाड़ी में करंट कम, इसलिए हो रही देरी दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले ही 29 मई को अंडमान-निकोबार में प्रवेश किया था। इसके बाद निर्धारित समय से दो दिन पहले ही केरल में 30 मई को प्रवेश किया। इसके बाद से अरब सागर में मानसून का करंट मजबूत होने के कारण एक हिस्सा तेजी से आगे बढ़ता हुआ छत्तीसगढ़ और ओडिशा में 8 जून को प्रवेश कर गया। इसके बाद गुजरात में भी दस्तक दे दी है। जबकि, पूर्वी भारत की ओर का दूसरा हिस्सा बंगाल की खाड़ी में मानसून का करंट कमजोर होने से 31 मई से ही एक जगह रुका हुआ है।
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ला-नीना और अल-नीनो का असर पेसिफिक ओसियन के तापमान को तीन भागों में बांटा गया है। पहला -समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से -0.5 के बीच में रहता है। इसे नेचुरल फेज कहते हैं। दूसरा-समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से अधिक गर्म होने पर अल-नीनो और तीसर- समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से अधिक ठंडा होने पर ला-नीना कंडीशन बनता है। अल-नीनो का प्रभाव पड़ने पर मानसून की बारिश दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के रास्ते पेरू और ब्राजील की तरफ शिफ्ट हो जाती है। इस कारण भारत में कम बारिश होती है।
वहीं ला-नीना में ठंडा होने पर बारिश की ट्रैड विंड मजबूत होती है। जिस कारण भारत में मानसून के दौरान अच्छी बारिश होती है। जब भी ला-नीना के हालात बने हैं, तो भारत में मानसून की अच्छी बारिश हुई है।
2006 में पहले और 2018 में देरी से आया था
मौसम विभाग से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले दो दशकों के दौरान प्रदेश में समय से सबसे पहले 2006 में मानसून ने प्रवेश किया था। वहीं 2018 में सबसे देरी से मानसून ने दस्तक दी थी। 2006 में 10 जून की जगह तीन दिन पहले ही 6 जून और 2018 में 14 दिन की देरी से 25 जून को प्रवेश किया था।
2020 से 2022 तक समय से आया मानसून
मौसम विभाग के अनुसार बिहार में 2020 से 2022 तक अपने निर्धारित समय पर मानसून 13 जून को प्रवेश कर गया था। वहीं 2023 में निर्धारित समय से एक दिन पहले ही 12 जून को मानसून आया था। इसके बावजूद अल-नीनो का प्रभाव होने से 2022 और 2023 में मानसून के दौरान सामान्य से कम बारिश हुई। वहीं, 2021 में सामान्य से 27.3 मिलीमीटर अधिक बारिश हुई थी।
मानसून प्रवेश सामान्य बारिश हुई
15 जून, 2013 1027 0722
18 जून, 2014 1027 0849
22 जून, 2015 1027 0745
17 जून, 2016 1027 0975
22 जून, 2017 1027 0937
25 जून, 2018 1027 0771
21 जून, 2019 1017 1050
13 जून, 2020 1017 1272
13 जून ,2021 1017 1044
13 जून, 2022 0992 0683
12 जून, 2023 0992 0760