वैशाली के कटहरा ओपी क्षेत्र में मिनी पिस्टल फैक्ट्री का भंडाफोड़, अर्धनिर्मित पिस्टल का जखीरा बरामद
वैशाली जिले के टहरा ओपी के चपैठ गांव में चल रहे मिनी गन फैक्ट्री के उद्भभेदन से इलाके में हड़कंप मच गया है। बंगाल की एसटीएफ, बिहार एसटीएफ, वैशाली और मुजफ्फरपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में...
वैशाली जिले के टहरा ओपी के चपैठ गांव में चल रहे मिनी गन फैक्ट्री के उद्भभेदन से इलाके में हड़कंप मच गया है। बंगाल की एसटीएफ, बिहार एसटीएफ, वैशाली और मुजफ्फरपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया है। यहां से पुलिस टीम ने भारी मात्रा में अर्धनिर्मित पिस्टल और पिस्टल बनाने का सामान बरामद किया गया है। पुलिस ने यहां से सात लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें चार लोग मुंगेर के रहने वाले हैं।
इस कार्रवाई के संबंध में एसपी डॉ गौरव मंगला ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने ये कार्रवाई की है। पश्चिम बंगाल की एसटीएफ, बिहार एसटीएफ, वैशाली पुलिस और मुजफ्फरपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में इस मिनीगन फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया है। यहां से हथियार बनाने का जखीरा एवं अन्य अवैध सामग्री बरामद की गई है। ये कार्रवाई कटहरा ओपी के चपैठ गांव में साहेब राज के घर पर हुई है।
बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर और वैशाली पुलिस ने संयुक्त रुप से सुबह नौ बजे के लगभग छापा मारा। टीम का नेतृत्व वैशाली एसपी डॉ गौरव मंगला और मुजफ्फरपुर सिटी एसपी नीरज कुमार और बंगाल एसटीएफ के अधिकारी कर रहे थे। टीम ने आरोपित के घर से बहुत पहले हीं अपनी गाड़ियों से उतर कर पैदल आरोपित के घर पर छापा मारा। यहां से पुलिस ने अर्ध निर्मित पिस्टल का जखीर बरामद किया है। यहां से पुलिस ने सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें से चार लोग मुंगेर के रहने वाले हैं।
मिनी गन फैक्ट्री से बरामद सामान
- लेथ मशीन - 04
- पिस्टल का स्लाईड - 157
- पिस्टल की बॉडी - 48
- अर्ध निर्मित पिस्टल बॉडी - 43
- बॉडी बनाने की प्लेट - 142
- लोहे का रड - 22
- देसी कट्टा - 01
- कारतूस - 02
- मोबाइल - 05
ये हैं गिरफ्तार आरोपित
- मो. लड्डन, पक्की गली, कासिम बाजार, मुंगेर
- मो. ललन, पक्की गली, कासिम बाजार, मुंगेर
- मो. परवेज, पक्की गली, कासिम बाजार, मुंगेर
- मो. अफरोज, झिंगोई, खैरा, जमुई
- साहेब राज,चपैठ, कटहरा ओपी, वैशाली
- सर्फे आलम, चपैठ, कटहरा ओपी, वैशाली
- आसिफ रजा, चपैठ, कटहरा ओपी, वैशाली
पांच साल से बैरिंग बनाने के नाम पर चल रही थी मिनी गन फैक्ट्री
ग्रामीणों ने कहा कि पांच सालों से यहां रात्रि में काम चल रहा था। रात के 11 बजे से शुरू होकर अहले सुबह तीन बजे काम बंद कर दिया जाता था। लेथ मशीन पर काम होने के समय बगल की सड़क पर कंपन महसूस होता था। ग्रामीण जब इस मामले में साहब रजा से पूछते थे, तो आरोपित बैरिंग बनाने का काम करना बताता था। इस दौरान कुछ लोगों ने ट्रैक्टर आदि का बैरिंग खरीदने की बात कही, लेकिन आरोपित ने खुदरा बिक्री नहीं करने की बात कह लोगों से पीछा छुड़ा लेता था। फैक्ट्री चलने समय बिजली का वोल्टेज काफी कम हो जाता था। इस संबंध में शिकायत करने के बावजूद विभागीय पदाधिकारी या प्रशासन इस ओर कभी गौर नहीं किया था।