एंट्री क्रिमिनल माइंडेड थे शहीद दारोगा नंद किशोर यादव, नाम सुनकर ही थर-थर कांपते थे बदमाश
बदमाशों से लोहा लेते शहीद हुए मोहनपुर ओपी अध्यक्ष नंदकिशोर यादव अररिया जिले के पलासी प्रखंड स्थित करोड़ दिघली वार्ड 11 का रहने वाले थे। वह सरजी लाल यादव के सबसे छोटे बेटे थे।
बदमाशों से लोहा लेते शहीद हुए मोहनपुर ओपी अध्यक्ष नंदकिशोर यादव अररिया जिले के पलासी प्रखंड स्थित करोड़ दिघली वार्ड 11 का रहने वाले थे। वह सरजी लाल यादव के सबसे छोटे बेटे थे। उनका ससुराल जोकीहाट प्रखंड के बहारबाड़ी था। हालांकि कुछ साल पहले ही उन्होंने रामबाग पूर्णिया में अपना पक्का मकान बनवा लिया था। दारोगा के शहीद होने की सूचना मिलते ही करोड़ दिघली के अलावा बहारबाड़ी व रामबाग पूर्णिया में मातम पसरा है। गांव के लोग सन्न हैं।
शहीद दारोगा के बड़े भाई नारायण यादव ने बताया कि नंद किशोर 2009 में दारोगा की परीक्षा पास कर ट्रेनिंग की थी। किशनगंज व पूर्णिया जिला होते हुए उनका समस्तीपुर ट्रांसफर हुआ था। किशनगंज में वे कोचाधामन, पाठामारी, फतेहपुर व सदर किशनगंज थाना में काम किए। फिर पूर्णिया के खजांची हाट थाना में योगदान दिया। परिजनों के मुताबिक एंटी क्रिमनल होने के कारण नंदकिशोर जिस भी थाने में रहे बदमाश कांपते थे। शायद यही उनकी मौत का भी कारण बना।
बचपन के मित्र भी सदमे में
दारोगा नंदकिशोर यादव के शहीद होने की खबर मिलते ही करोड़ दिघली गांव में कोहराम मच गया। घटना की सूचना के बाद परिजनों के अलावा उनके मित्र भी सदमे में हैं। करोड़ दिघली निवासी व नंदकिशोर के बचपन के साथी बालकृष्ण मांझी ने बताया कि वे साथ-साथ पढ़े हैं। अपराध व अपराधियों के प्रति उनमें नफरत भरा था। यही कारण था कि उसने पुलिस जॉब ही चुना ताकि इन बदमाशों को सबक सिखाया जा सके। पड़ोसी मायानंद मांझी व हेम नारायण यादव ने बताया कि नंद किशोर शुरू से ही होनहार था। लेकिन अचानक इस घटना से हमलोग सन्न हैं।
चार भाईयों में था सबसे छोटे थे नंद किशोर
चार भाईयों में सबसे छोटा होने के कारण नंद किशोर परिवार में सबका दुलारे थे। सबसे बड़े भाई नारायण यादव, दूसरा भाई लक्ष्मी प्रसाद यादव व तीसरा भाई बाबू लाल यादव हैं। अन्य सभी भी कृषि कार्य में ही जुड़े हैं। शहीद दारोगा के बड़े भाई नारायण यादव ने बताया कि नंदकिशोर 1992 में पलासी उच्च विद्यालय से मैट्रिक परीक्षा पास किया। इसके बाद अररिया कॉलेज से इंटर व ग्रेजुएशन किया। 2012 में उनकी शादी जोकीहाट प्रखंड के बहारबाड़ी में अमृता यादव से हुई। उन्हें दो लड़के हैं।
घटना की सूचना मिलते ही शहीद दारोगा के भतीजे व नारायण यादव का बेटा मनोज यादव पटना के लिए निकल चुके हैं। परिजनों ने बताया कि नंद किशोर एक साल में एक बार सपरिवार घर आ ही जाता था। अंतिम संस्कार के सवाल पर बताया कि अभी कहना मुश्किल है कि उनकी अंत्येष्ठि कहां होगी-करोड़ दिघली, पूर्णिया या समस्तीपुर में।