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बिहार में जानलेवा हुई जमीन का कारोबार, मुजफ्फरपुर हर महीने 10 से 15 मर्डर, अगवा कारोबारी का मिला शव

विवादित जमीन का केबाला कराने के बाद जमीन पर कब्जा कराने वाले गिरोह का कमीशन तय होता है। जितनी कीमती जमीन उसी मुताबिक कमीशन। इसके बाद जमीन खाली कराने वाला गिरोह जेसीबी लेकर प्लॉट पर चढ़ जाता है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरThu, 1 Aug 2024 10:36 AM
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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 12 थानों में जमीन का धंधा जानलेवा हो गया है। महंगी जमीन पर कब्जे को लेकर भिड़ंत व गोलीबारी आम बात है। अब इलाके में वर्चस्व के लिए प्रॉपर्टी डीलर एक दूसरे की हत्याएं कर रहे हैं। जिले में हर माह 10 से 15 हत्याएं होती हैं, जिनमें जमीन के लिए हर माह औसतन तीन हत्याएं हो रही है। दबंग प्रॉपर्टी डीलर कीमती जमीन पर कब्जे के लिए तरह-तरह के विवाद खड़े करते हैं। 

शहर और उसके सटे अहियापुर, गरहां, कांटी, सदर, तुर्की, नगर, मिठनपुरा, सिकंदरपुर, मुशहरी, मनियारी, करजा और मोतीपुर में जमीन पर विवाद के सबसे अधिक मामले हैं। हर शनिवार को लगने वाले कैंप में इन थानों में जमीन विवाद के औसतन 20 से 25 मामले पहुंच रहे हैं। इन थाना क्षेत्र में जमीन पर कब्जे के लिए एक दर्जन से अधिक गिरोह सक्रिय है। जमीन किसी की भी हो प्रॉपर्टी डीलर प्लॉट को चुनकर उसपर ग्राहक खड़ा कर देते हैं। बिल्डर उक्त जमीन पर मार्केट कॉम्पलेक्स या अपार्टमेंट बनाने का प्लान तक तैयार करा लेते हैं। शहर में रंजना भादुड़ी पर गोलीबारी में उसके नौकर की हत्या इसकी मिसाल है।

जमीन कब्जा दिलाने वाले का होता है अलग कमीशन सेट

विवादित जमीन का केबाला कराने के बाद जमीन पर कब्जा कराने वाले गिरोह का कमीशन तय होता है। जितनी कीमती जमीन उसी मुताबिक कमीशन। इसके बाद जमीन खाली कराने वाला गिरोह जेसीबी लेकर प्लॉट पर सीधे चढ़ जाता है।

रिश्तेदारों व पट्टीदारों से एग्रीमेंट बना चढ़ते प्लॉट पर 

प्रॉपर्टी डीलर कीमती जमीन पर विवाद खड़ा करने के लिए पुराने और दूर के रिश्तेदार तक को तलाश करते हैं। पट्टीदार से लेकर रिश्तेदार तक को लालच और रुपए देकर एग्रीमेंट बनाने के बाद विवाद खड़ा किया जाता है। इसके बाद प्रॉपर्टी डीलरों में खूनी टकराव होता है।

क्या कहते हैं अधिकारी?

जमीन पर मालिकाना हक जताकर कब्जा करने के भूमि विवाद के मामलों में पुलिस अपने स्तर से कोई निर्णय नहीं देती है। केवल विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न नहीं हो यह देखना होता है। इसके लिए विवाद को सुलझाने के लिए पुलिस हर सप्ताह थाने में कैंप लगाती है, जिसमें सीओ निर्णय लेते हैं। सीओ के आदेश का ही अनुपालन पुलिस कराती है। - राकेश कुमार, एसएसपी

धंधे में वर्चस्व के लिए हुई अगवा प्रॉपर्टी डीलर की हत्या

मुजफ्फरपुर के गरहां थाने के पटियासा से अगवा प्रॉपर्टी डीलर हथौड़ी थाने के मधेपुरा प्रयागबारी निवासी मुकेश कुमार पांडेय की जमीन के धंधे में वर्चस्व को लेकर हत्या की गई। बीते सोमवार को अपहरण के बाद उसी दिन अपहर्ताओं ने बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या के बाद चेहरे को एक तरफ से बुरी तरह कूच दिया। मुकेश का शव दरभंगा के अलीनगर थाना स्थित डुमरी चौर में झाड़ी से मिला है। मामले में कुख्यात प्रॉपर्टी डीलर बरहेता गांव निवासी मुन्ना खान नामजद आरोपित है। पुलिस ने आरोपित मुन्ना खान के पुत्र व गाड़ी चालक को गिरफ्तार किया है। सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि वारदात को जमीन के धंधे में वर्चस्व जमाने के लिए अंजाम दिया गया। आरोपित मुन्ना खान के पुत्र शहनवाज खान और उसकी गाड़ी के चालक मो. साहिल को पटियासा गांव से गिरफ्तार किया गया है। अन्य चार को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है। मुन्ना खान के नेपाल फरार होने की आशंका है।

गृह विभाग को भूमि विवाद की रिपोर्ट नहीं दे रही पुलिस

गृह विभाग ने भूमि विवाद को लेकर बढ़ते अपराध पर गहरी चिंता जताई है। विभाग ने भूमि विवाद को अपराध का बड़ा कारण मानते हुए जिलों से इस संबंधी साप्ताहिक बैठकों की रिपोर्ट मांगी थी। यह रिपोर्ट देने में मुजफ्फरपुर और पटना सहित 12 जिले रुचि नहीं ले रहे। गृह विभाग ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी डीएम और एसपी को सीओ व थानाध्यक्ष से रिपोर्ट लेकर मुख्यालय को भेजने का निर्देश दिया है। गृह विभाग के विशेष सचिव के सुहिता अनुपम ने इस संबंध में डीएम और एसपी को पत्र भे है। इसमें उन्होंने कहा है कि भूमि विवादों के निपटारे के लिए सभी थानाध्यक्ष व सीओ को सप्ताह में एक बार बैठक कर सुनवाई करने का निर्देश दिया गया था। सुनवाई के लिए दौरान विवाद के निराकरण के लिए की गई कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा गया था। इसके बावजूद पटना, मुजफ्फरपुर, जमुई, सीवान, किशनगंज, सुपौल, अररिया, अरवल, पूर्णिया, सारण व पूर्वी चंपारण सहित एक दर्जन जिलों से यह रिपोर्ट नहीं आ रही है। विशेष सचिव ने पत्र में कहा है कि सभी डीएम और एसपी सुनश्चित करें कि साप्ताहिक बैठक में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाए।

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