मौर्या एक्सप्रेस में कांवरियों की भीड़, चेन पुलिंग और एसी फेल से परेशान हुए यात्री, हंगामा
रविवार शाम पांच बजे से लेकर रात के नौ बजे तक गोरखपुर-हटिया मौर्य एक्सप्रेस में रिजर्वेशन करा सफर करने वाले यात्रियों के लिए सफर अच्छा नहीं रहा। एसी फेल, चेन पुलिंग, स्लीपर में भेड़-बकरी की तरह ठूंसकर...
रविवार शाम पांच बजे से लेकर रात के नौ बजे तक गोरखपुर-हटिया मौर्य एक्सप्रेस में रिजर्वेशन करा सफर करने वाले यात्रियों के लिए सफर अच्छा नहीं रहा। एसी फेल, चेन पुलिंग, स्लीपर में भेड़-बकरी की तरह ठूंसकर सफर के बीच कांवड़िया यात्री हंगामा और उत्पात करते रहे, लेकिन कोई सुननेवाला नहीं था। शाम पांच बजे समस्तीपुर से खुलने के बाद से रात करीब नौ बजे किऊल पहुंचने तक ट्रेन में हंगामा होता रहा। किऊल पहुंचने पर कांवड़ियों की भीड़ खाली हुई, तो लोगों ने राहत महसूस की। आरपीएफ इंस्पेक्टर पंकज गुप्ता ने कहा कि सूचना मिलने पर जवानों को ट्रेन में भेजा गया। किऊल में स्थिति सामान्य हो चुकी थी।
इससे पहले जनरल बोगियों के अलावा स्लीपर में भी पांव रखने तक को जगह नहीं थी। कांवड़ियों की भीड़ ने एसी बोगी पर भी अपना कब्जा जमा रखा था। सैकड़ों कांवड़ियों के हुड़दंग से आम यात्री तबाह थे। रही-सही कसर एसी के फेल होने ने पूरी कर दी। एसी फेल होने से सां लेने में लोगों को परेशानी होने लगी थी।
रोता-बिलखता रहा नवजात, कुछ नहीं कर पाए रेलकर्मी
इसी ट्रेन में एसी बोगी बी-2 में सफर कर रहे नाच भिखारी नाच फिल्म के निर्देशक, रंगकर्मी जैनेन्द्र दोस्त ने बताया कि उनका 39 व 40 नंबर बर्थ पर रिजर्वेशन था, लेकिन उन्हें दोनों सीटें नसीब नहीं थी। कांवड़ियों की भीड़ इतनी थी कि खुलकर सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। जैनेन्द्र की पत्नी सरिता साज़ ने बताया कि एक माह का उनका नवजात बच्चा रोता-बिलखता रहा। एसी मेंटेनर भी बोगी में थे, लेकिन वह कुछ नहीं कर पाए। काफी रिक्वेस्ट के बाद हुड़दंगी लड़के बरौनी के बाद चेन पुलिंग कर के उतरे। किऊल आते-आते राहत मिल पाई। उपद्रवी युवकों ने एसी बोगी के गेट का शीशा भी तोड़ दिया। बी 2 बोगी के एसी मेंटेनर असिस्टेंट इंजीनियर मोहन लाल ने बताया कि मना करने पर उनके साथ भी मारपीट की गई और युवकों ने उनका चश्मा भी तोड़ दिया।