जेडीयू विधायक गोपाल मंडल को अस्पताल में हथियार ले जाना पड़ा महंगा, रिवाल्वर का लाइसेंस रद्द
मायागंज अस्पताल परिसर में लाइसेंसी रिवाल्वर हाथ में रखकर ले जाने के मामले में जेडीयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल का रिवाल्वर लाइसेंस (419-11/ 2006) निलंबित किया गया है।
मायागंज अस्पताल परिसर में लाइसेंसी रिवाल्वर हाथ में रखकर ले जाने के मामले में जेडीयू के सचेतक व गोपालपुर के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल का रिवाल्वर लाइसेंस (419-11/ 2006) निलंबित किया गया है। जिला शस्त्र दंडाधिकारी ने एसएसपी की रिपोर्ट और विधायक के जवाब के बाद लाइसेंस सस्पेंड किया है। विधायक को कहा गया है कि वे नजदीकी थाने या गन हाउस में अविलंब रिवाल्वर और लाइसेंस बुक जमा करें। इसके लिए एसएसपी को भी पत्र दिया गया है। लाइसेंस निलंबन से पहले फाइल पर एडीएम और आर्म्स मजिस्ट्रेट का मंतव्य भी लिया गया। दोनों अधिकारियों ने शस्त्र अधिनियम की धाराओं का हवाला देकर उचित कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इधर, विधायक ने बताया कि वे आदेश के खिलाफ सक्षम प्राधिकार के समक्ष अपील करेंगे।
दो अक्टूबर को पोती का इलाज कराने अस्पताल गए थे
बता दें कि दो अक्टूबर को विधायक रिवाल्वर लेकर सात वर्षीय पोती का सीटी स्कैन कराने अस्पताल आए थे। हड़बड़ी में निकलने और कुर्ता-पायजामा पहनने को लेकर बेल्ट नहीं पहन पाए थे। इसलिए लाइसेंसी रिवाल्वर को आत्मरक्षार्थ हाथ में रखना पड़ा था। जिसका वीडियो वायरल हुआ तो एसएसपी ने सिटी डीएसपी से जांच कराई। जांच में विधायक ने डीएसपी को बताया कि पायजामा पहने होने की वजह से रिवाल्वर हाथ में रखना पड़ा। उन्होंने किसी को रिवाल्वर दिखाकर धमकी न दी, न ही किसी ने कोई शिकायत ही की है। डीएसपी ने सीसीटीवी फुटेज आदि भी खंगाला। अस्पताल परिसर में स्वास्थ्यकर्मियों, इलाजरत मरीजों और उनके परिजनों से पूछताछ में भी कोई प्रतिकूल टिप्पणी विधायक के बारे में नहीं किया गया है।
बरारी थानेदार की आरंभिक रिपोर्ट पर हुई बड़ी कार्रवाई
डीएसपी ने जांच में पाया था कि सीसीटीवी फुटेज की जांच में भी विधायक द्वारा लाइसेंसी रिवाल्वर से किसी भी प्रकार का दुरुपयोग किया जाना नहीं पाया गया है। फिर भी अस्पताल परिसर में अनावश्यक रूप से हाथ में लाइसेंसी हथियार लेकर चलना उचित नहीं है। डीएसपी ने रिपोर्ट में सर्किल इंस्पेक्टर (विधि-व्यवस्था) और बरारी ओपी के थानेदार द्वारा दिए जांच प्रतिवेदन और हथियार लाइसेंस की कॉपी के आधार पर एसएसपी को रिपोर्ट की। जो एसएसपी ने मंतव्य के साथ जिला शस्त्र दंडाधिकारी को अग्रसारित किया। जिस पर कार्रवाई की गई।