'खाकी: द बिहार चैप्टर' मामले में IPS अमित लोढ़ा को हाईकोर्ट से झटका, करप्शन के मामले में FIR खारिज करने से इंकार
बिहार कैडर के सीनियर आईपीएस अमित लोढ़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार की एफआईआर खारिज करने की अपील को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने निष्पक्ष जांच के आदेश एसवीयू को दिए हैं।
पटना हाईकोर्ट ने सीनियर आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की ओर से दायर अर्जी को खारिज कर दिया। उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार की प्राथमिकी को निरस्त करने के अनुरोध को इनकार कर दिया। एसवीयू की ओर से अधिवक्ता राणा विक्रम सिंह ने कोर्ट में दलील पेश की। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठे ने जांच एजेंसी ‘एसवीयू’ को छह महीने के भीतर अनुसंधान को तार्किक अंत तक ले जाने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। बता दें कि एक वेब सीरिज 'खाकी': 'द बिहार चैप्टर' बनी थी, जिसे अमित लोढ़ा के जीवन पर आधारित बताया गया था। इसे लेकर अमित लोढ़ा पर लोक सेवा आयोग अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगा था।
आरोप है कि जब लोढ़ा गया रेंज में आईजी के पद पर थे, तब उन पर पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई करने का आरोप लगा था। उन पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगे हैं, जिसकी जांच एसवीयू कर रही है। खाकी वेब सीरीज से अमित लोढ़ा चर्चा में आए थे। करोड़ों रुपये से अधिक खर्च करके वेब सीरीज 'खाकी द बिहार चैप्टर' बनाई गई थी। इसे बनाने में आईपीएस अमित लोढ़ा की भूमिका सीधे तौर पर नहीं है, लेकिन निर्माता कंपनी फ्राईडे स्टोरीटेलर्स एलएलपी के मालिकों के साथ उनके संबंध उजागर हुए हैं। आईपीएस की पत्नी के खाते में पैसे के लेनदेन की बात भी सामने आई है। इन सभी पहलुओं की जांच एसवीयू कर रही है।
अनुसंधान में आवेदक की आवश्यकता पड़ने पर जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए बाध्य होंगे। अमित लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने फ्राइडे स्टोरी टेलर एलएलपी और अन्य के साथ मिलकर अवैध रूप से निजी व्यापार में शामिल होकर कमाई की। अमित लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने 7 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की है, जबकि सभी कानूनी स्रोतों से उसकी कुल आय बिना किसी कटौती के 2 करोड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस मामले में सीनियर आईपीएस अमित लोढ़ा से विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) पूछताछ भी कर चुकी है। अभी अमित लोढ़ा स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में आईजी के पद पर तैनात हैं।