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फर्जी कागजात लगाकर नौकरी करने वालों पर चोट, 96 अमीनों की सेवा समाप्त

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में संविदा पर बहाल 96 अमीनों की सेवा समाप्त कर दी गई है। जांच के दौरान इन अमीनों का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया। सभी अमीन विशेष भूमि सर्वेक्षण के काम में लगे थे। अब विभाग ने...

Yogesh Yadav पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Fri, 17 Dec 2021 05:40 PM
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में संविदा पर बहाल 96 अमीनों की सेवा समाप्त कर दी गई है। जांच के दौरान इन अमीनों का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया। सभी अमीन विशेष भूमि सर्वेक्षण के काम में लगे थे। अब विभाग ने इन पर एफआईआर करने का निर्देश दिया है। साथ ही मानदेय के रूप में इन्हें दी गई राशि की वसूली की जाएगी। 

राज्य में गत वर्ष 3456 अमीनों की बहाली हुई थी। संविदा पर बहाली विशेष सर्वेक्षण अभियान के लिए की गई थी। इतने बड़े पैमाने पहली बार हुई बहाली में डिग्रीधारी इंजीनियरों और डिप्लोमा होल्डरों ने भी आवेदन किया, तो उनका चयन हो गया। लेकिन, जांच में डिग्रीधारियों की डिग्री सबसे अधिक फर्जी पाई गई।

इसके पहले भी विभाग ने लगभग एक दर्जन से अधिक अमीनों को डिग्री फर्जी होने के कारण हटाया था। लगभग 80 अमीनों ने खुद ही नौकरी छोड़ दी। लिहाजा जिन 3456 अमीनों ने ज्वायन किया था उनमें अब सिर्फ 3264 ही कार्यरत हैं। भूअर्जन निदेशक जय सिंह ने बताया कि अभी जांच चल रही है। अगर जांच में कुछ और लोगों की डिग्री गलत पाई गई तो उनकी नौकरी तो जाएगी ही उनके द्वारा मानदेय के रूप में उठाया गया पैसा भी वसूल होगा। केस तो झेलना ही पड़ेगा। 

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक फर्जी डिग्री प्रावैधिकी शिक्षा परिषद लखनऊ से जुड़ी है। इनकी डिग्री के बारे में परिषद से जनाकारी मांगी गई तो बताया गया कि ऐसे किसी छात्र का रिकॉर्ड उनके परिषद में नहीं है।

इसके अलावा अन्नमलाई यूनिवर्सिटी लमिलनाडु, मेवाड़ यूनिवर्सिटी चितौड़गढ़, राजस्थान, स्वामी विवेकानंद सुभारी यूनिवर्सिटी मेरठ, गावर्नमेंट पॉलिटेक्निक राजपीला भारूच, हिमाल्यन यूनिर्सिटी अरुणचल प्रदेश और डॉ. बीसी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर आदि की फर्जी डिग्री और डिप्लोमा अभ्यर्थियों ने जमा किए है। इसके अलावा जिन अमीनों ने फर्जीवाड़ किया है उनमें बड़ी संख्या में सारण जिले के रहने वाले हैं। पूर्वी चम्पारण, समस्तीपुर, नालंदा और मधुबनी के भी युवकों की डिग्री फर्जी निकली है। 

 

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