एनआईटी पटना में बनेगा इंक्यूबेशन सेंटर, 1000 सीटें भी बढ़ेंगी; सीएम नीतीश ने किया ऐलान
नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे इस संस्थान से पासआउट हुए 51 साल हो गया है। इस समारोह में हर साल हम आते हैं, जिससे पुराने सहपाठियों से मिलने का मौका मिलता है। पुराने साथियों से मिलकर काफी खुशी होती है।
एनआईटी पटना की क्षमता एक हजार और बढ़ेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को यहां कहा कि हम जब इस कॉलेज में पढ़ते थे तो इसकी क्षमता पांच सौ थी, जो अब बढ़कर पांच हजार हो गई है। बिहटा में इसका दूसरा कैंपस 125 एकड़ में बन रहा है। इसके बन जाने के बाद क्षमता को छह हजार करा दें। इतनी बड़ी संख्या में देश में कहीं और नामांकन नहीं होता है। मुख्यमंत्री रविवार को एनआईटी परिसर में बीसीई-एनआईटी के पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह का उद्घाटन करने के बाद अपनी बात रख रहे थे। इस मौके पर उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार की तरफ से एनआईटी पटना कैंपस में इंक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा। एक सप्ताह में इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया जाएगा। यह भी कहा कि अगले साल तक यह सेंटर पूरा बन जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एनआईटी का कैंपस बिहटा में बन रहा है, पर पटना में स्थापित ही एनआईटी-1 कहलाएगा और यह सबदिन बना रहेगा। बिहटा में बन रहा भवन एनआईटी पटना का दूसरा हिस्सा होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे इस संस्थान से पासआउट हुए 51 साल हो गया है। इस समारोह में हर साल हम आते हैं, जिससे पुराने सहपाठियों से मिलने का मौका मिलता है। पुराने साथियों से मिलकर काफी खुशी होती है। पटना साइंस कॉलेज में पढ़ने के बाद मैंने इसमें नामांकन लिया था। उस समय यहां 500 विद्यार्थी पढ़ते थे। छात्र यूनियन के चुनाव में मेरे कहने पर 500 में 450 समर्थन में वोट करते थे। उस बात को हम कभी भूल नहीं सकते हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि अटल जी की सरकार में मैं मंत्री था, तब देश में 14 जगहों पर एनआईटी बन रहा था। हमने आग्रह किया कि बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग देश का छठा कॉलेज है, जिसे एनआईटी का दर्जा मिलना चाहिए। उसी समय वर्ष 2004 में इस कॉलेज को एनआईटी का दर्जा मिला। इसका विस्तार करने के लिए बिहटा में 125 एकड़ जमीन दी गई है, जहां कैंपस बनकर तैयार हो गया है। यहां भी छह हजार छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोग पढ़ते थे तो लड़कियां इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं पढ़ती थीं। हमने राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिग कॉलेज की स्थापना करायी और उसमें लड़कियों के लिए 35 प्रतिशत सीटें आरक्षित की।
पूर्ववर्ती छात्रों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर पूर्ववर्ती छात्रों को प्रतीक चिह्न देसकर सम्मानित किया। वर्ष 1964 में विद्यार्थी रहे इंजीनियरों को डायमंड जुबली, 1974 को गोल्डन जुबली एवं 1999 के पास आउट बैच को सिल्वर जुबली सदस्यों के रुप में सम्मानित किया गया। इसके अलावा अन्य को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। कई सीनियर्स को उन्होंने मंच से नीचे उतकर कर उनके पास जाकर सम्मानित किया। मौके पर एनआईटी के निदेशक पीके जैन ने कहा कि एनआईटी पूरे भारत में पटना का नाम रौशन कर रहा है। यहां के छह से सात छात्र टॉप साइंटिस्ट में हर साल आते हैं। हमारी एनआईआरएफ रैंकिंग में लगातार सुधार हो रही है। बीसीई-एनआईटी पटना एलुमनाई सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो. संतोष कुमार ने कहा कि बिहार में मौजूदा समय में डबल इंजन की सरकार है। ऐसे में पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाया जाए।
पीएमसीएच में 5460 बेड होगा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पीएमसीएच को 5460 बेड की क्षमता के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका नये सिरे से विस्तार किया जा रहा है, जो दो सालों में पूरा हो जाएगा।
चार हजार से अधिक हुए शामिल
बीसीई-एनआईटी पटना का एलुमनाई मीट कार्यक्रम एनआईटी कैंपस में हुआ। इसमें चार से अधिक लोग शामिल हुए। पूर्ववर्ती मिलन समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे। संघ के सचिव डॉ संजय कुमार ने बताया की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीसीई-एनआईटी के पुराने छात्र भी हैं। सदस्यों में अति उत्साह व्याप्त है। विशिष्ट अतिथि के रूप में ओएनजीसी के प्रबंध निदेशक ई अरुण कुमार सिंह एवं बीसीई के पूर्व प्राचार्य डॉ सीएन सिन्हा, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो गिरीश कुमार चौधरी सहित कई पूर्ववत्ती मैजूद थे।