Hindustan Special: अब डॉक्टर ही नहीं सॉफ्टवेयर भी बताएगा मरीज को ब्लड कैंसर है या नहीं, जानिए नई तकनीक
यह सॉफ्टवेयर तैयार होने के बाद ब्लड कैंसर के जांच के क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी। मरीजों की समय पर कम खर्च में जांच हो जाएगी और समय पर पता कर हजारों मरीजो की जान बचाई जा सकेगी।
हिन्दुस्तान स्पेशल: आपको ब्लड कैंसर है या नहीं। इसकी जांच और रिपोर्ट के लिए अब बड़े डॉक्टर के पास जाने, लंबा इंतजार करने और पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भागलपुर का ट्रिपल आईटी एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है, जो जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से यह बता देगा कि मरीज को ब्लड कैंसर है या नहीं।
ब्लड कैंसर की आशंका वाले मरीजों के खून के सैंपल की जांच की जाती है। इस सैंपल को स्लाइड पर लिया जाता है और डॉक्टर माइक्रोस्कोप से सैंपल में कैंसर के लिए जिम्मेवार 'ब्लास्ट सेल' की गणना करते हैं। निर्धारित संख्या से काफी ज्यादा संख्या में ब्लास्ट सेल पाये जाने पर प्रारंभिक रूप से यह घोषित करते हैं कि व्यक्ति को ब्लड कैंसर है या नहीं। यदि कैंसर होता है तो फिर आगे उसकी विस्तृत रूप से तरह-तरह से जांच की जाती है।
इस जांच को करने में डॉक्टर को काफी समय तो लगता ही है मरीजों को जांच में भी काफी पैसा खर्च करना होता है। यह जांच सभी जगह भी होती भी नहीं। बड़े अस्पतालों में, विशेषज्ञ डॉक्टर या खास जांच केन्द्रों पर ही इसकी जांच की जाती है। लेकिन ट्रिपल आईटी इसपर जो काम कर रहा है, इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
माइक्रोस्कोप की मदद से काम करेगा सॉफ्टवेयर
भागलपुर ट्रिपल आईटी के डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स के वैज्ञानिक डॉ. चंदन ने बताया कि एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसपर एक साल से काम चल रहा है। कंप्यूटर में डाला गया यह सॉफ्टवेयर माइक्रोस्कोप की मदद से ब्लड सैंपल की जांच करेगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से सॉफ्टेवेयर यह जांच कर लेगा कि सैंपल में ब्लास्ट सेल की संख्या कितनी है और जांच कराने वाले मरीज को कैंसर है कि नहीं। इस पूरी प्रक्रिया में महज कुछ सेकंड का ही समय लगेगा। यानी कुछ समय में ही इस सॉफ्टवेयर से सैकड़ों जांच की जा सकेगी।
ब्लड कैंसर जांच के क्षेत्र में आएगी क्रांति
यह सॉफ्टवेयर तैयार होने के बाद ब्लड कैंसर के जांच के क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी। मरीजों की समय पर कम खर्च में जांच हो जाएगी और समय पर पता कर हजारों मरीजो की जान बचाई जा सकेगी। यह सॉफ्टवेयर तैयार होने के बाद इसे छोटे शहरों के अस्पतालों या जांच केंद्रों में भी लगाया जा सकता है। इससे लोगों को प्रारंभिक जांच के लिए बड़े शहर या अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होगी।
होमी भाभा कैंसर अस्पताल वाराणसी के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर एवं सर्जन डॉ. सुधेन्दु शेखर ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर के तैयार होने से कम समय, कर्म खर्च में बड़ी संख्या में मरीजों की जांच होगी। ज्यादा से ज्यादा ब्लड कैंसर मरीजों का पता लगाया जा सकेगा। छोटे शहरों और कम संसाधन वाली जगहों पर भी शुरुआती अवस्था में इसकी जांच कर मरीजों को बचाया जा सकेगा।