Hindustan Special: देसी-विदेशी फूलों की खेती बढ़ाएगी किसानों की आमदनी, कृषि विभाग देगा प्रशिक्षण
बिहार के भागलपुर जिले में फूलों की खेती अच्छी वैकल्पिक किसानी का साधन बन रही है। कई किसानों ने धान, गेहूं और सब्जी की जगह फूल की खेती भी शुरू कर दी है। किसानों को अच्छा फायदा होने की उम्मीद है।
Hindustan Special: बिहार के भागलपुर जिले में फूलों की खेती अच्छी वैकल्पिक किसानी का साधन बन रही है। कई किसानों ने धान, गेहूं और सब्जी की जगह फूल की खेती भी शुरू कर दी है। इससे किसानों को अच्छा फायदा होने की उम्मीद है। फूल की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि अभी भागलपुर में पौधे तैयार नहीं हो रहे हैं। इसलिए कोलकाता जाकर पौधा लाना पड़ता है। अगर स्थानीय स्तर पर इसकी नर्सरी विकसित हो जाए तो किसानों को और सुविधा मिलने लगेगी। खेती पर लागत भी कम हो जाएगी। आत्मा द्वारा नर्सरी तैयार करने के लिए भी प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है।
किसानों को प्रमोट कर रहा उद्यान विभाग और कृषि विज्ञान केन्द्र
उद्यान विभाग और कृषि विज्ञान केन्द्र ऐसे किसानों को प्रमोट भी कर रहा है। कई किसानों को फूलों की खेती के लिए प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। इनमें से कुछ किसानों ने खेती की शुरुआत की है तो कुछ किसान इसके लिए विभाग के संपर्क में हैं। जिले में सन्हौला, सबौर और गोराडीह में फूलों की खेती शुरू की गई है। कहलगांव और पीरपैंती के किसान भी उद्यान विभाग के संपर्क में हैं।
सबौर प्रखंड के जगतपुर गांव के हृदय मंडल, ग्रीस मंडल, प्रमोद मंडल आदि ने समूह बनाकर फूलों की खेती शुरू की है। लगभग 9 से 10 बीघे में फूल लगाए गए हैं। फूलों की खेती में सिर्फ गेंदा और गुलाब ही नहीं, बल्कि डहेलिया, पिटुनिया, करनाडोला, डेनथस जैसे फूल भी हैं, जो देश के बाहर दूसरे नामों से जाने जाते हैं। उद्यान विभाग के अनुसार गोराडीह प्रखंड के घीया गांव में गेंदा फूल की खेती की जा रही है। सन्हौला के सकरामा में कुछ महिला किसानों ने फूलों की खेती शुरू की है।
लोकल मार्केट में खपत होगी
फूलों की खेती शुरू करने वाले जगतपुर के किसानों ने बताया कि करीब 10 बीघे में फूलों की खेती शुरू की है। अच्छा फायदा होने की उम्मीद है। माल बिकने की समस्या नहीं है। लोकल मार्केट या भागलपुर फूल मंडी में आसानी से बिक्री हो जाती है। पिछले साल प्रयोग के तौर पर कुछ फूल लगाए थे, तुरंत माल बिक गया था। इसमें खर्च भी कम है और आमदनी भी अच्छी है। फूल लगाने का काम करने वाले लोगों को भी जानकारी हो गई है, इसलिए ऐसे लोग सीधे उनके खेत पर पहुंच जाते हैं। वहीं से फूल खरीद लेते हैं। अभी तक भागलपुर की फूल मंडी में कोलकाता से फूलों की खेप मंगायी जाती है। जब भागलपुर में लोकल स्तर पर फूलों की खेती बढ़ जाएगी तो ट्रांसपोर्टिंग खर्च कम होने के कारण फूलों के दाम भी कम होंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बाबत उद्यान विभाग के सहायक निदेशक अभय कुमार ने बताया कि किसानों को फूलों की खेती में अच्छा फायदा है। विभाग ने गेंदा फूलों के लिए जिले में अनुदान के लिए कुछ लक्ष्य भी दिया है। इच्छुक किसान अब भी आवेदन कर सकते हैं। किसानों को हरसंभव मदद की जाएगी।