Hindi Newsबिहार न्यूज़Heat is more deadly than the Corona period Curfew like afternoon in this city of Bihar 11 people died in 48 hours

कोरोनाकाल से ज्यादा घातक गर्मी! बिहार के इस शहर में 'कर्फ्यू' जैसी दोपहर, 48 घंटे में 11 लोगों की मौत

कैमूर जिले में गर्मी का सितम कोरोनाकाल से भी घातक नजर आ रहा है। बीते 48 घंटे में 11 लोगों की मौत हो गई। और दोपहर में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। कोरोनाकाल में एक दिन में सबसे ज्यादा 8 लोगों की मौत हुई थी।

Sandeep कार्यालय संवाददाता, भभुआTue, 18 June 2024 11:08 PM
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बिहार के कैमूर जिले में अब लू और गर्मी कारोना काल से भी खतरनाक साबित होने लगी है। जिले में ताबड़तोड़ लोगों की मौत हो रही है। जिले में इस वर्ष पहली बार 30 और 31 मई को छह लोगों की मौत हो गई थी। जबकि कोरोना काल में 23 अप्रैल को पहली बार आठ लोगों ने दम तोड़ा था। इनमें से सात लोग चैनपुर के एक ही परिवार के थे, जबकि एक व्यक्ति सासाराम का निवासी था। हालांकि सासाराम से इलाज कराने आई एक बीमार महिला के संपर्क में आने से उक्त लोगों की भी जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी।

कोरोना के दौरान जिस तरह सड़कें सन्नाटा दिखती थी, उसी तरह लू व गर्मी के इस मौसम में सड़कों पर आमजन नहीं दिख रहे हैं। जिले के तापमान में चार डिग्री गिरावट आने के बाद भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। हालांकि मंगलवार को आसमान में कभी-कभी धुंधली धूप दिख रही है। अन्यथा पूरे दिन चमकीली धूप राहगीरों को तंग करती रही। सोमवार को जिले में अधिकतम 44 व न्यूनतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस था। जबकि मंगलवार को अधिकतम 40 व न्यूनतम 32 डिग्री रहा। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में कोई खास अंतर नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि फिजां में गर्मी बरकरार रह रही है।

कैमूर इस समय भयंकर गर्मी से जूझ रहा है। तापमान का स्तर बढ़ रहा है। जिले में मई माह में 46 डिग्री तापमान था। जून माह में 45 डिग्री तक तापमान है। यह सामान्य तापमान 38.8 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। शहर के उदय सिंह कहते हैं कि लू व गर्मी से जितनी मौत हो रही है, इससे पहले कभी नहीं हुई थी। कैमूर में जितना तापमान दर्ज हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा गर्मी महसूस हो रही है। मौसम का यह मिजाज स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। अब तो न्यूनतम तापमान में भी सामान्य से ज्यादा वृद्धि दर्ज की जा रही है। घर की दीवारें दहक रही हैं। फर्श पर पैर रखने पर गर्म महसूस हो रहा है।

गर्मियों में क्यों आते हैं चक्कर?
डॉ. सचिन कुमार बताते हैं कि गर्मी में डिहाइड्रेशन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का एक प्रमुख कारण है। जब शरीर जरूरत से ज्यादा तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स खो देता है, तब इससे डिहाइड्रेशन होता है। इसके कारण मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम होता है, जिससे चक्कर आता है। जैसे ही शरीर लू के दौरान खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है, रक्त वाहिकाएं अधिक रक्त को त्वचा की सतह के करीब लाने के लिए फैलती हैं। इससे रक्तचाप कम होता है और बेहोशी आती है।

खुद को रखें हाइड्रेटेड
डॉ. सीमा सिंह ने बताया कि इस भीषण गर्मी से बचने और चक्कर आने की समस्या से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका है खुद को हाइड्रेटेड रखना है। पसीने के कारण खोए तरल पदार्थ और खनिजों को वापस पाने के लिए खूब पानी पीएं। साथ ही आप डिहाइड्रेशन से बचने के लिए स्वस्थ इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय पदार्थ भी पी सकते हैं। घर से बाहर निकलते वक्त अपने पास एक पानी की बोतल जरूर रखें और दिनभर में कम से कम 8 गिलास पानी पीएं।

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