केंद्र से 5 साल तक और मिले कॉम्पंसेशन, जीएसटी काउंसिल की बैठक में बिहार के वित्त मंत्री ने उठाई मांग
नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 49 वीं बैठक हुई। इसमें बिहार की ओर से राज्य के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने विस्तार से अपनी बात रखी।
जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक में बिहार के वित्त एवं वाणिज्य-कर मंत्री विजय कुमार चौधरी ने क्षतिपूर्ति भुगतान (कॉम्पंसेशन) का प्रावधान अगले 5 सालों तक जारी रखने की मांग की है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राज्य में नई कर प्रणाली अभी तक स्थिर एवं सुदृढ़ नहीं हो पाई है। यही नहीं, अर्थव्यवस्था भी कोरोना के असर से अभी तक पूरी तरह उबर नहीं पाई है। ऐसे में परेशानी बनी हुई है। इसलिए अगले 5 सालों तक कॉम्पंसेशन का भुगतान होना चाहिए। विजय चौधरी ने राज्यवार और राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग जीएसटी की क्षमता का आकलन करने के लिए निकाय अथवा संगठन बनाने की भी मांग रखी। उन्होंने कहा कि इसके अभाव में सही टैक्स क्षमता का अनुमान नहीं हो पाता है।
शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में माल एवं सेवा कर परिषद् (जीएसटी काउंसिल) की 49 वीं बैठक आयोजित हुई। इसमें बिहार की ओर से राज्य के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने विस्तार से अपनी बात रखी। चौधरी ने राज्य स्तरीय जीएसटी ट्रिब्यूनल में राज्य सरकार द्वारा मनोनयन या अनुशंसा के आधार पर एक सदस्य रखने का प्रावधान करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इससे न्यायाधिकरण और व्यावहारिक बनेगा। साथ ही राज्यों की समस्या पर और गंभीरता से पहल हो सकेगी। इस तरह के प्रावधान के बिना इस न्यायाधिकरण का कोई प्रभावकारी औचित्य नहीं रह पाएगा।
बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने नई कर प्रणाली के व्यापार से जुड़े कारोबारियों को टैक्स अदायगी में विलंब होने की स्थिति में वर्तमान दंडात्मक प्रावधान को उदार बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य के व्यापारी इसकी मांग करते रहे हैं। अभी 200 रुपये प्रतिदिन की दर से टर्नओवर के 0.5 प्रतिशत की सीमा तक दंड का प्रावधान है। यह काफी सख्त है, इसे एक निश्चित स्तर तक घटाने की जरूरत है। वर्तमान दंडात्मक प्रावधान में परिवर्तन किए बिना व्यापारियों की समस्या कम नहीं की जा सकती।
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