Hindi Newsबिहार न्यूज़Good News Gandhi Setu western lane will be operational from 15 June

खुशखबरी: गांधी सेतु की पश्चिमी लेन 15 जून से चालू होगी

उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन का जीर्णोद्धार कार्य अंतिम चरण में आ गया है। शनिवार को इसे पुल के आकार में बना लिया गया। अब इसकी फिनिशिंग की जाएगी। पथ निर्माण के...

Amit Gupta पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Sun, 10 May 2020 08:29 AM
share Share

उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन का जीर्णोद्धार कार्य अंतिम चरण में आ गया है। शनिवार को इसे पुल के आकार में बना लिया गया। अब इसकी फिनिशिंग की जाएगी। पथ निर्माण के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने 15 जून से गांधी सेतु से गाड़ियों की आवाजाही शुरू कराने का दावा किया।

 गांधी सेतु की नई सिरे से मरम्मत करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के बीच साल 2014 में सहमति बनी। मरम्मत मद में लगभग 1400 करोड़ खर्च हो रहे हैं। साल 2017 से इसकी मरम्मत शुरू हुई। पश्चिमी लेन पहले तोड़ा गया और फिर सेतु के कंक्रीट का सुपरस्ट्रक्चर हटाकर स्टील का लगाया गया। कुल 45 स्पैन बनाए गए हैं। एक स्पैन में 33 हजार मीट्रिक टन स्टील लगा है। पुल तोड़ने की शुरुआत हाजीपुर छोर से हुई थी। इसलिए इसकी मरम्मत भी इसी दिशा से हुई। मुंबई की एजेंसी एफ्कॉंस ने पहले इसे नवम्बर 2018 में ही चालू करने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन पुराने स्ट्रक्चर को ही तोड़ने में अधिक समय लग गया।

स्ट्रक्चर टूटने के बाद जब पिलर बनाए जाने लगे तो गंगा में अधिक पानी होने के कारण मरम्मत का कार्य काफी मुश्किल भरा रहा। तब सेतु की मरम्मत की समय सीमा जून 2019 और फिर दिसम्बर 2019 तय की गई। लेकिन पिछले साल सितम्बर-अक्टूबर में गंगा में अधिक पानी आने के कारण एजेंसी के प्लांट कई दिनों तक डूबे रहे तो इसे मार्च में शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया। इसी बीच कोरोना का कहर सामने आ गया तो काम बंद हो गया।

लॉकडाउन-दो में केंद्र सरकार से मिली रियायतों के बाद सभी निर्देशों का पालन करते हुए 20 अप्रैल से एक बार फिर मरम्मत कार्य शुरू हुआ। हालांकि अपेक्षित संख्या में मजदूरों के नहीं मिलने के कारण इसकी रफ्तार धीमी रही। अगर पूर्व की तरह मजदूर मिलते तो इसे मई में ही चालू कर लिया जाता। इंजीनियरों के अनुसार पुल का शेप आने के बाद इस पर कुछ अलकतरा का काम बाकी है। एप्रोच रोड सहित कई छोटे-मोटे काम है जिसे  जून के पहले सप्ताह तक पूरा कर लिया जाएगा। तकनीकी जांच के बाद 15 जून से गाड़ियां इस पर चलने लगेंगी।

इसके चालू होने पर तोड़ा जाएगा पूर्वी लेन

पश्चिमी लेन से गाड़ियों की आवाजाही के बाद पूर्वी लेन को तोड़ने का काम होगा। एजेंसी की कोशिश होगी कि अगर बरसात का कहर कम हो तो पूर्वी लेन का जितना हिस्सा हो सके, तोड़ लिया जाए। चूंकि एजेंसी को पश्चिमी लेन को तोड़ने और बनाने में होने वाली परेशानियों का अनुभव हो गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पश्चिमी लेन की तुलना में पूर्वी लेन आसानी से तोड़कर बना लिया जाएगा। संभावना है कि साल 2022 में पूर्वी लेन भी चालू हो जाए।

  एक नजर में गांधी सेतु

- 1969 में महात्मा गांधी सेतु की नींव रखी गई

-1972 से सेतु बनाने का काम शुरू हुआ

 -1982 में इंदिरा गांधी ने एक लेन का किया उद्घाटन

- 1987 में गांधी सेतु का दूसरा लेन हुआ था शुरू

- 1991 से ही मरम्मत की आवश्यकता महसूस हुई

-1998 में सेतु पर पहली बार दिखी थी दरार

- 5.575 किलोमीटर लंबा है महात्मा गांधी सेतु

अगला लेखऐप पर पढ़ें