नेटवर्किंग की नौकरी के नाम पर लड़कियों को देह व्यापार में धकेला, मुजफ्फरपुर कांड की खौफनाक कहानी
मुजफ्फरपुर के नेटवर्किंग जॉब फ्रॉड केस में पीड़िता ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि नेटवर्किंग की नौकरी के नाम पर लड़कियों को जबरन देह व्यापार में धकेला जा रहा था।
बिहार के मुजफ्फरपुर में डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी की बर्बरता की कहानी सामने आने के बाद धीरे-धीरे और खुलासे हो रहे हैं। नेटवर्किंग कंपनी में नौकरी के नाम पर बर्बरता की शिकार हुई पीड़िता ने अपने बयान में कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। सारण की पीड़िता ने कोर्ट में दायर परिवाद में कहा है कि बेराजगार युवतियों को डीबीआर यूनिक में नौकरी देने का झांसा देकर पहले उनका यौन शोषण किया जाता है। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है। इतना ही नहीं, बेबस युवतियों को देह व्यापार में भी धकेल दिया जाता है। पीड़िता ने बताया है कि कंपनी के गुर्गे अवैध हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। बख्तियारपुर में हथियार छिपाने में संदीप सिन्हा और मो. कलाम की भूमिका होती है। इनका थाने पर भी काफी दबदबा है।
पुलिस के अनुसार मुजफ्फरपुर में डीबीआर यूनिक कंपनी का नेटवर्क कोरोना के बाद फैला। तीन साल में कंपनी ने अपनी कई शाखाएं खोली। पुलिस इस बारे में भी गिरफ्तार तिलक से जानकारी जुटा रही है। अनुमान है कि अब तक पांच हजार से अधिक युवक-युवतियों से नौकरी दिलाने के नाम पर 10 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की गई है।
पुलिस ने बताया कि कंपनी के सीएमडी मनीष सिन्हा के खिलाफ अहियापुर थाने में मई 2023 में नामजद केस दर्ज हुआ था। इसके बाद भी वह बिहार के दस जिलों में अपनी कंपनी की शाखा खोलकर युवक-युवतियों को फांसता रहा। अहियापुर थाने में मई 2023 में डीबीआर यूनिक के खिलाफ महराजगंज के युवक ओमकार नाथ पांडेय ने एफआईआर कराई थी। इसमें मनीष सिन्हा समेत 10 नामजद किए गए थे। पुलिस ने छह को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में धोखाधड़ी की धारा में चार्जशीट कर दी, लेकिन मनीष के खिलाफ जांच जारी रही। अहियापुर पुलिस ने नेटवर्किंग कंपनी में प्रशिक्षण ले रहे 80 युवक-युवतियों का बयान दर्ज किया है।
गोलमोल जवाब दे रहा तिलक
गोरखपुर से गिरफ्तार तिलक कुमार सिंह से मंगलवार को प्रारंभिक पूछताछ की गई। वह ठगी करने की बात स्वीकार कर रहा है। हालांकि, अन्य आरोपों पर वह गोलमोल जवाब दे रहा है। तिलक का मोबाइल भी पुलिस ने जब्त किया है। इसमें दर्जनों किशोरियों और युवतियों के फोटो और मोबाइल नंबर मिले है। बताया जाता है कि इसमें सारण की पीड़िता का भी फोटो और मोबाइल नंबर मिला है।
तिलक से होगी वीडियो के बारे में पूछताछ
सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने मंगलवार को तिलक की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस यौन शोषण, मारपीट, हथियार रखने, अपराधिक गतिविधि व अन्य बिंदुओं पर तफ्तीश कर रही है। उन्होंने बताया कि तिलक करीब दो साल से डीबीआर यूनिक कंपनी से जुड़ा। कंपनी नेटवर्किंग के जरिए हर्बल दवाएं बेचती है। कंपनी की शाखाएं बिहार के मुजफ्फरपुर सहित अन्य शहरों के अलावा यूपी, दिल्ली और पंजाब तक फैली हैं। कंपनी में डेढ़ से दो लाख कर्मी हैं। इनमें 70 फीसदी पुरुष व 30 प्रतिशत महिलाएं है।
सिटी एसपी के अनुसार, युवतियों से बर्बरता का वायरल वीडियो ठंड के मौसम का बताया गया है। उसकी सत्यता की जांच की जा रही है। तिलक की पीड़िता के छोटे भाई से दोस्ती थी। तिलक ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था। उससे करीब 21 हजार रुपये लेकर कंपनी में भर्ती करा दिया। उसे प्रशिक्षण दिया और नेटवर्किंग बढ़ाने का दबाव देने लगा।
गोपालगंज में कंपनी के निदेशक के घर पर छापा
मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र में संचालित डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी के निदेशक मनीष सिन्हा की तलाश में मुजफ्फरपुर पुलिस ने सोमवार देर रात उसके पैतृक गांव नगर थाने के कररिया में छापेमारी की। हालांकि कोई नहीं मिला। ग्रामीणों के अनुसार वह दस दिन पहले गांव आया था। फिलहाल नोएडा के सेक्टर 2 में रहता है। उसका युवती संग आपत्ति जनक वीडियो भी वायरल हुआ था।
मोबाइल में रिकॉर्ड किए थे कारनामे, सिम तोड़ दी
नेटवर्किंग के नाम पर बेटियों से बर्बरता उजागर करने वाली सारण की पीड़िता ने परिवाद में बताया है कि उसने अपने मोबाइल फोन में आरोपियों की सारी काली करतूतों को रिकॉर्ड किया था। पटना में उसके मोबाइल का सिम तोड़कर फोन को रीसेट कर दिया गया। पीड़िता के अनुसार कंपनी का न तो ऑफिस था और न ही हॉस्टल या ट्रेनिंग सेंटर। फर्जी कॉल करने के लिए लड़कियों को ट्रेनिंग दी जाती थी। ट्रेनिंग के नाम पर मोटी राशि ली जाती थी। इसका विरोध करने पर मारपीट की जाती थी।
ग्रामीण बोले- कन्हैया ने खूब कमाया है पैसा
इस मामले में सीवान जिले के विशुनपुर कोड़रा गांव के तिलक कुमार सिंह और सियाड़ी के कन्हैया कुशवाहा आरोपी हैं। सियाड़ी गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में कन्हैया ने काफी रुपये कमाए हैं। वहीं तिलक के भाई त्रिदेव सिंह ने दावा किया कई लोग उसकी तरक्की से परेशान थे। इसी कारण, उसे फंसाया गया है।
शेल्टर होम से तार जुड़े होने का शक : निवेदिता झा
बिहार महिला समाज की कार्यकारी अध्यक्ष निवेदिता झा ने मुजफ्फरपुर में नौकरी के नाम पर लड़कियों के साथ हुए यौन शौषण के मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस मामले के तार मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की घटना से जुड़े होने की आशंका जताई। निवेदिता ने कहा कि डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी में काम करने वाली तीन लड़कियों के बयान ने यह साबित किया कि वहां यौन हिंसा और व्यापार जैसे काम पिछले कई वर्षों से हो रहा है। बीएमएस की उच्च स्तरीय कमेटी से इस मामले की जांच कराने और दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत सजा दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर इसपर शीघ्र कठोर कदम नहीं उठाया गया तो बिहार महिला समाज की ओर से आंदोलन किया जाएगा।