Hindi Newsबिहार न्यूज़Flood water reaches to 30 new villages of Sidhwalia and Baikunthpur

VIDEO: सिधवलिया व बैकुंठपुर के 30 नए गांवों में फैला बाढ़ का पानी

नेपाल के तराई इलाके व गंडक के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के थमने व वाल्मिकी नगर गंडक बराज से पानी का डिस्चार्ज कम होने से बाढ़ की स्थिति सुधर रही है। लेकिन सारण तटबंध  के कई जगहों पर टूट जाने से...

हिटी गोपालगंजSat, 19 Aug 2017 09:00 PM
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नेपाल के तराई इलाके व गंडक के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के थमने व वाल्मिकी नगर गंडक बराज से पानी का डिस्चार्ज कम होने से बाढ़ की स्थिति सुधर रही है। लेकिन सारण तटबंध  के कई जगहों पर टूट जाने से सिधवलिया व बैकुंठपुर प्रखंडों  के एक दर्जन से अधिक नए पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है । 

जिसके चलते प्रभावित गांवों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। सिधवलिया के बुचिया,महम्मदपुर,चांदपरना,लोहिजरा समेत करीब तीस से अधिक नए गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सड़कों पर फुट तक पानी बह रहा है। गांवों का जिला व प्रखंड मुख्यालयों से सड़क संपर्क कट गया है। प्रभावित गांवों के लोग अपने घर के छतों पर शरण लिए हुए हैं। घरों में पानी घुसने के बाद ग्रामीणों का सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन लगातार जारी है। 
बरौली के सलेमुपर,हसनपुर,बघवार आदि गांवों  के घरों से पानी तेज से निकलने लगा है । लेकिन जहां -तहां बाढ़ के पानी में सड़कों व पुल-पुलियों के बह जाने व ध्वस्त हो जाने से आवागमन मुश्किल बना हुआ है ।

एनएच 28 पर से पानी उतरने के बाद सड़क पर दो दिनों के बाद दोबारा आवागमन शुरू हो गया है। इधर बरौली प्रखंड के पिपरा,सदौवा,रामपुर,हलुआड़ समेत एक दर्जन गांवों में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। अब तक जिले के दो सौ दस से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। गंडक के जलस्तर में कमी के बाद भी करीब बीस हजार घरों व झोपड़ियों में पानी घुसा हुआ है। बाढ़ से साढ़े तीन लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है।

बाढ़ के पानी में डूबने से बैकुंठपुर में छह व बरौली में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। डीएम राहुल कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत व बचाव कार्य में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुईं हैं। अब तक बाढ़ के पानी में फंसे दस हजार से अधिक  लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ प्रभावित बैकुंठपुर,सिधवलिया,मांझा,बरौली,बैकुंठपुर व गोपालगंज प्रखंडों में 21 राहत कैंप खोले गए हैं।

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