पीएमसीएच के सर्जिकल स्टोर में लगी आग, 5 घंटे के बाद फायर ब्रिगेड की 12 गाड़ियों ने पाया काबू
पीएमसीएच के राजेन्द्र सर्जिकल ब्लॉक के बेसमेंट में स्थित स्टोर में बुधवार की दोपहर आग लग गई। आग लगते ही अस्पताल में अफरातफरी मच गई। घटना की सूचना पर दमकल की 12 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया।
पीएमसीएच के राजेन्द्र सर्जिकल ब्लॉक के बेसमेंट में स्थित स्टोर में बुधवार की दोपहर आग लग गई। आग लगते ही अस्पताल में अफरातफरी मच गई। घटना की सूचना पर दमकल की 12 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। समय पर बचाव कार्य शुरू होने से आग ज्यादा नहीं फैल सकी। हालांकि दमकल कर्मियों को आग बुझाने में करीब पांच घंटे लग गए। शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है। फिलहाल आग से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। शाम को डीएम ने मौके का मुआयना किया।
पीएमसीएच में पुराने भवनों को तोड़ेजाने की प्रक्रिया के तहत इस भवन में फिलहाल कोई काम नहीं हो रहा था। तीमारदार संजीत कुमार ने बताया कि बुधवार की दोपहर करीब एक बजे सर्जिकल स्टोर से धुआं के बाद आग की लपटे निकलनी शुरू हो गई। जिससे वहां हडकंप मच गया। पहले अस्पताल कर्मी व गार्ड ने आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन कामयाब नहीं होने पर इसकी सूचना फायर कंट्रोल रूम को दी गई।
लोदीपुर अग्निशमन केंद्र प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि दोपहर दो बजे अस्पताल में आग की जानकारी मिली थी। जिसके बाद मौके पर दमकल की 12 गाड़ियां भेजी गईं। बेसमेंट में आग लगी होने के कारण दमकल दमकल कर्मी खिड़की और दीवार तोड़कर बचाव कार्य में जुट गए। जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार नट की मौजूदगी में आग बुझाने का काम शाम तक जारी रहा।
घटना की सूचना के बाद अस्पताल के अधीक्षक आईएस ठाकुर व अन्य अधिकारी सहित एसडीएम भी मौके पर पहुंचे। शाम को डीएम ने भी मौके का निरीक्षण किया। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। आग कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है।
सिलेंडर में आग लगने पर विकराल होती स्थिति
जिस भवन के बेसमेंट में आग लगी थी, उसके बाहर लोहे के खंभों में मरीज के तीमारदारों ने खाना बनाने के लिए छोटे-छोटे एलपीजी गैस सिलेंडर बांध रखे थे। तीमारदार शमीन ने बताया कि शाम और सुबह गैस सिलेंडर पर लोग अपना खाना बनाते हैं और चोरी हो ना इसके लिए वे गैस सिलेंडर को जंजीर अथवा तार से खंभों में बांध देते हैं। दमकल अधिकारियों ने मौके पर पहुंचते ही करीब एक दर्जन गैस सिलेंडर को पहले घटनास्थल से दूर किया। यदि उन सिलेंडर में आग लग जाती तो स्थिति विकराल हो सकती थी।