Hindi Newsबिहार न्यूज़Farmers upset due to indifference of rain in Bihar 45 Percent of paddy planting incomplete rice yield will be affected

बिहार में बारिश की बेरुखी से किसान परेशान; धान की 45% रोपाई अधूरी, चावल की पैदावार पर पड़ेगा असर

राज्य में जून महीने में कई जिलों में कम बारिश ने धान के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जिसके चलते अभी तक सिर्फ 55 फीसदी धान की रोपाई हुई है। कम बारिश का असर चावन की पैदावार पर भी पड़ेगा।

Sandeep सुभाष पाठक, पटनाWed, 31 July 2024 03:21 PM
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बिहार में बारिश की बेरुखी के चलते राज्य के तमाम हिस्सों में किसानों को खरीफ सीजन में धान की रोपाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। अब तक कुल 33 लाख हेक्टेयर में करीब 55 प्रतिशत भूमि पर धान की रोपाई हो सकी है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 1 जून से 31 जुलाई के बीच सामान्य वर्षा की तुलना में 37% कम बारिश हुई।  जिसमें सामान्य से 52% कम बारिश हुई। धान के बीज बोने के लिए जून महीना सबसे महत्वपूर्ण है। इस महीने सामान्य से 52 फीसदी कम बारिश हुई है।

38 जिलों में केवल किशनगंज में 17% बारिश हुई, जबकि बाकी जिलों में 60% तक कम बारिश हुई। इस साल जून और जुलाई के दौरान समस्तीपुर में 60% कम बारिश हुई, जबकि सारण और सहरसा में 59% और 58% कम बारिश हुई। धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास और कैमूर जैसे जिलों में 52% कम बारिश हुई, जबकि भोजपुर में 44% कम बारिश हुई।

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किशनगंज, अररिया, कटिहार, पश्चिमी चंपारण और शिवहर में धान की रोपाई 90% से अधिक है, जबकि मुंगेर और मगध प्रमंडल के जिलों में धान की रोपाई लगभग 12-40% हुई है। गया, सहरसा, सुपौल और पूर्वी चंपारण जैसे सिंचाई नेटवर्क से समृद्ध किसानों के पास धान का कवरेज लगभग 85-90% है।

नाम न छपने की शर्त पर कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि अगर अगले कुछ हफ्तों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो धान की उत्पादकता प्रभावित होगी। 2023-24 में चावल की उत्पादकता सबसे अधिक थी, भले ही राज्य को बारिश की कमी का सामना करना पड़ा। इस साल, धान का उत्पादन लगभग 140 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद कर रहे हैं।

विभाग के अधिकारी कई जिलों में उच्च तापमान को लेकर भी चिंतित हैं, जो फसल उत्पादकता को प्रभावित कर सकता है। अगर उच्च तापमान के कारण पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो धान के किसानों को अधिक बार पानी देने की आवश्यकता होती है। सीतामढ़ी के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। कई जिलों में अधिकतम तापमान 36-39 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है, जो अच्छा नहीं है।

कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने हाल ही में कृषि निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की और उनसे बारिश की कमी को देखते हुए किसानों को वैकल्पिक फसलों की तलाश के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। निदेशालय को धान के जलवायु अनुकूल बीज और बाजरा के बीज की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था करने को कहा गया है।

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