बिहार के किसानों को नहीं मिल पा रहा लोन, 80% के पास नहीं केसीसी, कृषि मंत्री ने बैंकों पर लिया एक्शन
बिहार में कृषि विभाग के पोर्टल पर कुल 1 करोड़ 98 लाख 64 हजार 126 किसान निबंधित हैं। इसमें लगभग 38.81 लाख किसानों के पास ही क्रेडिट कार्ड है। 80 फीसदी किसानों के पास केसीसी नहीं है।
खेती, पशुपालन और मछलीपालन के लिए किसानों को बैंकों से ऋण नहीं मिल पा रहे हैं। बैंकर्स कमेटी की हर बैठक में सरकार बैंकों को अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने का निर्देश देती है। इसके बावजूद बैंकों से किसानों को कम केसीसी मिल रहे हैं। बिहार में कृषि विभाग के पोर्टल पर कुल 1 करोड़ 98 लाख 64 हजार 126 किसान निबंधित हैं। इसमें लगभग 38.81 लाख किसानों के पास ही क्रेडिट कार्ड है
जबकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी ) देने की योजना है। यानी 36.85 लाख ऐसे किसान हैं, जिन्हें पीएम सम्मान निधि से सहायता तो मिलती है, लेकिन उनके पास केसीसी नहीं है। बिना केसीसी वाले किसानों का आंकड़ा भी बैंकों के पास है। बिहार के 75.66 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत लाभ मिलता है। पीएम किसान सम्मान योजना के सभी किसानों को केसीसी दिलाने का निर्देश वित्त मंत्रालय ने बैंकों को दिया था।
कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने भी कहा कि पहले हर साल केसीसी लक्ष्य 10 लाख से अधिक का हुआ करता था, जो वर्ष 2021-22 में घटकर 8,75,000 हो गया, वर्ष 2022-23 में यह घटकर 3,75,000 हो गया। वर्तमान वर्ष में यह 6,15,498 रखा गया है। बैंकों की बेरुखी और किसानों द्वारा लोन नहीं चुकाना प्रमुख कारण है।
पिछले दिनों राज्य स्तरीय बैकर्स समिति की कृषि और इससे संबद्ध विषयों की उप समिति की बैठक में कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने केसीसी वितरण को अंसंतोषजनक बताया था। मंत्री ने अधिक से अधिक किसानों को कृषि और पशुपालन के लिए ऋण देने के लिए बैंकों से कहा। केसीसी के लिए बैंकों में अलग काउंटर बनाने की भी सलाह दी थी।
इसके लिए एक अक्टूबर से घर-घर केसीसी अभियान चलाया जा रहा है। कृषि विभाग ने राज्य के 8 हजार से अधिक पंचायतों में 3.38 लाख किसानों को नए केसीसी दिलाने का लक्ष्य रखते हुए अभियान चलाया। इस अभियान के तहत विभिन्न जिलों से 1 लाख 11 हजार 492 किसानों से केसीसी के लिए आवेदन लिए गए। इसमें से अब तक 86 हजार 725 आवेदन बैंकों को केसीसी स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं।