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Hindustan Special: मृत किसानों के नाम पर भी पीएम सम्मान निधि उठा रहे परिवार, जांच में खुलासा

कृषि विभाग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि लाभुकों का सत्यापन कर रहा है। इस बीच यह खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में पीएम किसान योजना के लाभुक मर गए हैं और उनके नाम पर पैसा उठाया जा रहा है।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 3 Nov 2023 08:02 AM
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हिन्दुस्तान स्पेशल : बिहार में मृत किसानों के नाम पर भी हर साल पीएम किसान सम्मान निधि की राशि ली जा रही है। नालंदा के 1475 मृत किसानों के नाम पर इस योजना का लाभ उठाया जा रहा है। इतना ही नहीं, 1907 ऐसे किसान हैं, जो अयोग्य रहने के बाद भी योजना की राशि ले रहे हैं। इसका खुलासा कृषि समन्वयकों द्वारा घर-घर जाकर लाभुकों की जांच में हुआ है। अब राशि की वसूली में कृषि विभाग जुट गया है। 

बड़ी बात यह कि फर्जीवाड़ा का आंकड़ा आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है। वजह, जिले के कुल 1,99,099 लाभुक किसानों की जांच होनी है। अबतक 84,430 यानी करीब 40 फीसदी की जांच हुई है। 100 फीसदी सत्यापन जब पूरा होगा तो मृत और अयोग्य किसानों की संख्या बढ़नी तय मानी जा रही है। अबतक की जांच में सबसे अधिक थरथरी की अस्था पंचायत में 36 किसान ऐसे मिले हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। बावजूद उनके नाम पर योजना का लाभ लिया जा रहा था।  जबकि छरियारी में 29 मृत किसानों के खाते में राशि जा रही थी। 

रहुई की पतासंग, हरनौत की पोआरी व पचौड़ी, बिंद की बिंद में 26-26 किसान ऐसे मिले हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। परवलपुर की पिलीछ में 25, बिहारशरीफ की पचौड़ी में 20 मृत किसान लाभान्वितों में शामिल हैं। इसी प्रकार अधिकतर पंचायतों में किसान मिले हैं, जिनकी मृत्यु कई साल पहले हो चुकी है। लेकिन, जिला कृषि विभाग को इसकी जानकारी परिजनों द्वारा नहीं दी गयी। जबकि 1907 धरतीपुत्र वैसे मिले हैं जो या तो नाबालिग हैं, नौकरी करते अथवा तथ्य छुपाकर गलत तरीके से लाभ ले रहे थे। 

कई बिंदुओं पर हो रही जांच 
सत्यापन के दौरान कई बिंदुओं पर कृषि समन्वयकों को जांच करने का आदेश दिया गया है। पता लगाना है कि लाभुक किसान सही हैं या गलत। जिंदा हैं या मर गये हैं। तथ्य छुपाकर योजना का लाभ तो नहीं ले रहे हैं। कोई किसान ऐसे तो नहीं हैं जो पहले खेती करते थे, बाद में उनकी नौकरी लग गयी। उन किसानों को चिह्नित करना है, जिनके के पास पहले खेती योग्य जमीन थी। लेकिन, बाद में उन्होंने सारी जमीन बेच दी। सभी बिंदुओं पर जांच के बाद ऑनलाइन रिपोर्ट करनी है। 

जमा करना होगा मृत्यु प्रमाणपत्र, लौटानी होगी राशि 
जिन किसानों की मृत्यु हो चुकी है, उनके परिजनों को विभाग जल्द नोटिस भेजेगा। उनसे मृत्यु प्रमाणपत्र जमा करने और गलत तरीके से ली गयी राशि को लौटाने को कहा जाएगा। अगर परिजन नियमों का पालन नहीं करेंगे तो कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार मृतक किसान के आस-पड़ोस के लोगों से जानकारी जुटाकर खुद अनुमानित मृत्यु की तिथि अंकित कर विभाग को रिपोर्ट करेंगे। इसके आधार पर राशि की वसूली होगी। 

पहले से 5477 किसानों पर लटकी है तलवार 
नालंदा के 5,477 किसान अपात्र पहले से घोषित किए जा चुके हैं। इनसे करीब सात करोड़ 62 लाख 18 हजार वसूल करना है। इन पर तथ्य छुपाकर और शर्तों का पालन न करने के बावजूद योजना का लाभ लेने का आरोप है। अबतक महज 84 किसानों द्वारा 512 किस्तों में ली गयी 10 लाख 24 हजार रुपए लौटायी गयी है। बार-बार अनुरोध के बाद भी राशि लौटाने में आनाकानी करने वाले किसानों को अब विभाग नोटिस थमाएगा। उसके बाद कार्रवाई होगी। 

जिला कृषि पदाधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मृत और अपात्र पाए गए किसानों का निबंधन पीएम किसान पोर्टल से ब्लॉक किया जा रहा है। ताकि अगली किस्त उनके खाते में न जाए। नियम के विरुद्ध ली गयी राशि को लौटाने के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। 

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