विधानसभा चुनाव में पहली बार अपनाया जाएगा एनकॉर परमिशन मॉड्यूल
विधानसभा चुनाव में इस बार चुनाव आयोग पहली बार एनकॉर परमिशन मॉडयूल का प्रयोग करने जा रहा है। चुनाव प्रक्रिया के नियंत्रण की यह सबसे आधुनिक प्रक्रिया है, जिसमें अधिक से अधिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया...
विधानसभा चुनाव में इस बार चुनाव आयोग पहली बार एनकॉर परमिशन मॉडयूल का प्रयोग करने जा रहा है। चुनाव प्रक्रिया के नियंत्रण की यह सबसे आधुनिक प्रक्रिया है, जिसमें अधिक से अधिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस मॉड्यूल के लिए चुनाव आयोग ने सभी जिलों से डेटा की मांग की है और मंगलवार से इसके लिए अधिकारियों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
चुनाव प्रक्रिया में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों व चुनाव आयोजन में लगे अधिकारियों को कम से कम लोगों के पास जाना पड़े, इसके लिए एनकॉर परमिशन मॉड्यूल अपनाया जा रहा है। इस मॉड्यूल को चुनाव से पहले लागू करने के लिए राज्य भर से डेटा की मांग की गई है। निर्वाचन विभाग के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी गोपाल मीणा ने इसके लिए सभी जिलों से डेटा की मांग की है। जिलों को जो डेटा उपलब्ध कराना है, उनमें जिले में कुल विधानसभा क्षेत्रों की संख्या, विधानसभा क्षेत्रवार बूथ, सहायक बूथ व चलंत बूथ की संख्या, बूथवार मतदाताओं की संख्या, जिले भर में सोशल डिस्टेंसिंग के लिहाज से उपलब्ध मैदानों की सूची, जिले भर के सुविधा सेल के नोडल अधिकारियों की सूची व सभी थानों से संबंधित जानकारियां शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने यह डेटा अपलोड करने के लिए जिलों को निर्धारित समय देने का निर्णय किया है। दी गई अवधि में ही जिलों को अपना-अपना डेटा इसपर अपलोड कर देना है। सभी जिलों से डेटा अपलोड होने के बाद चुनाव आयोग के पास एक एक बूथ से संबंधित जानकारी उपलब्ध हो जाएगी और इसके आधार पर ऑनलाइन निर्णय लेना आसान हो जाएगा।
चुनाव प्रचार के लिए एनओसी भी ऑनलाइन
कोरोना काल में जिस तरह एक जिले या राज्य से दूसरे जिले या राज्य में जाने के लिए लोगों को पास ऑनलाइन ही मिला करता था, विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों को एनओसी भी उसी तरह ऑनलाइन ही मिल जाया करेगी। राजनीतिक दल अपने चुनाव प्रचार के लिए समय व स्थल की मांग चुनाव आयोग से ऑनलाइन ही करेंगे। आयोग अपने नोडल अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट लेने के बाद ऑनलाइन ही एनओसी जारी करेगा। राजनीतिक दलों को इसके लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। राजनीतिक दलों को अपने आयोजन के लिए प्रतिभागियों की संख्या पहले ही सपष्ट करनी होगी, ताकि उस क्षमता का आयोजन स्थल उन्हें उपलब्ध कराया जा सके। इस मॉड्यूल के माध्यम से जनसभा की अनुमति, नुक्कड़ नाटक की अनुमति, हैलीपैड बनाने की अनुमति, रैली की अनुमति, रोड शो की अनुमति, मंच बनाने की अनुमति, वाहनों की अनुमति, चुनाव कार्यालय खोलने की अनुमति व सभा स्थल की अनुमति ऑनलाइन दी जा सकेगी।