DGP आरएस भट्टी ने थानेदारों से पूछा, क्राइम कंट्रोल क्यों नहीं हो रहा?
एसएसपी कार्यालय में गुरुवार को समीक्षा बैठक में डीजीपी आरएस भट्टी ने जिले के सभी पुलिस अफसरों से पूछा, अपराध नियंत्रण में आखिर क्या दिक्कत है। अपराधियों पर सख्ती और गिरफ्तारी में क्या बाधा है।
एसएसपी कार्यालय में गुरुवार को समीक्षा बैठक में डीजीपी आरएस भट्टी ने जिले के सभी पुलिस अफसरों से पूछा, अपराध नियंत्रण में आखिर क्या दिक्कत है। गैंगस्टर और अपराधियों पर सख्ती और गिरफ्तारी में क्या बाधाएं हैं। डीजीपी के इस सवाल पर बैठक में सन्नाटा छा गया। जवाब नहीं मिलने पर डीजीपी ने कहा जब कोई दिक्कत नहीं है, तब लूट, हत्या, छिनतई जैसी वारदातें क्यों नहीं रुक रही हैं। एसएसपी कार्यालय में करीब तीन घंटे तक अपराध नियंत्रण के बिंदुओं पर डीजीपी ने समीक्षा करते हुए निर्देश जारी किए। इस दौरान जिले में लगातार हो रही हत्या व लूट की वारदात को रोकने के लिए रणनीति भी बनाई गई।
इस दौरान डीजीपी ने बीते चार माह के दौरान हुई बड़ी आपराधिक घटनाओं की समीक्षा की। क्राइम प्रिवेंटिव एक्शन में कहां चूक हुई, वारदात के बाद क्या कार्रवाई हुई और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए क्या-क्या प्रयास हुए। इन तीनों बिंदुओं पर समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान आशुतोष शाही हत्याकांड मुख्य रहा। इस दौरान घटना स्थल पर मौजूद रहे आरोपित वकील के रिश्ते के भांजे से पूछताछ का निर्देश दिया गया। इसके बाद तुरंत उसे हिरासत में ले लिया गया। बीते चार माह के दौरान जिले में हुए लूट, हत्या, बैंक लूट, गोलीबारी, रंगदारी, दुष्कर्म, पुलिस पर हमले समेत आठ तरह के गंभीर अपराध की घटनाओं पर अधिकारियों के साथ डीजीपी ने चर्चा की।
डीजीपी ने मुजफ्फरपुर के बीते दौड़े के दौरान 28 अप्रैल को 30 बिंदुओं पर पुलिस अधिकारियों को टास्क सौंपा था। टास्क पर कितना काम हुआ, इसकी भी समीक्षा की गई। इसमें विलेज क्राइम नोटबुक, वार्षिक त्योहारों का पुलिस कैलेंडर, थाना, अनुमंडल और जिला स्तर के टॉप टेन अपराधियों की गिरफ्तारी, जिला और थाना स्तर पर बॉर्डर सीलिंग के लिए हुई कार्रवाई, साइबर अपराध की रोक थाम और साइबर शातिरों की गिरफ्तारी आदि काम नहीं किए गए थे। इसको लेकर डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों और थानेदारों को एक माह के समय दिया। सभी बिंदुओं पर टास्क को पूरा कराने का निर्देश आईजी पंकज कुमार सिन्हा को दिया है। बैठक में एससएसपी राकेश कुमार, सिटी एसपी अरविंद प्रताप सिंह के अलावा सभी डीएसपी, इंस्पेक्टर, थानेदार व अपर थानेदार मौजूद थे।