बिहार के 10 कारोबारियों के ठिकानों पर DGGI की रेड, 25 करोड़ से ज्यादा की पकड़ी गई GST चोरी
रक्सौल के 10 व्यापारियों के ठिकानों पर जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की टीम ने छापा मारा है। और 25 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी है। सभी व्यापारी कपड़ों के व्यापार से जुड़े हैं।
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की टीम ने रक्सौल में 10 व्यापारियों के ठिकानों पर रविवार को सघन छापेमारी की। इस दौरान बड़ी संख्या में जीएसटी चोरी की बात सामने आई है। अब तक की जांच में 25 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी मिली है। जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में छापेमारी की गई है, उसमें मेसर्स श्री गणेश ट्रेडिंग, श्री लक्ष्मी ट्रेडिंग, श्री श्याम ट्रेडिंग, श्री राधेश्याम ट्रेडिंग समेत अन्य शामिल हैं।
ये सभी व्यापारी रेडिमेड कपड़ों के व्यापार से जुड़े हुए हैं। ये व्यापारी नियम के खिलाफ कपड़े की बिलिंग सिर्फ कच्ची पर्ची पर करवाकर दूसरे राज्यों से माल मंगवा रहे थे और बिना बिल के ही स्थानीय बाजार में बेच रहे थे। बिना कच्ची पर्ची के इन सामान मंगवाकर इन्होंने सीधे तौर पर 5 फीसदी जीएसटी की चोरी की और इन माल को बिना उचित बिल के बेचकर भी टैक्स की चोरी कर ली।
इन सभी के ठिकानों से छापेमारी के दौरान फर्जी जीएसटी रिटर्न से जुड़े कागजात के अलावा पेन ड्राइव, लैपटॉप, डायरी, कच्चा हिसाब लिखे रजिस्टर के अलावा फर्जी निर्यात से जुड़े कागजात भी बड़ी संख्या में मिले हैं। इससे यह पता चला है कि इन्होंने बिना बिल के इन सामान को नेपाल भी निर्यात किया था और सरकार से धोखाधड़ी करके आईजीएसटी रिफंड का अनुचित तरीके से लाभ ले लिया। इस आधार पर फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले लिया है। इसमें भी लाखों रुपये टैक्स चोरी की बात सामने आई है। कुछ मामलों में नकली चालान से जुड़े कागजात भी मिले हैं। फिलहाल सभी जब्त दस्तावेजों की जांच चल रही है। इसके बाद ही टैक्स चोरी से जुड़ी जानकारी सामने आ पाएगी।
इन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के गोदामों की जांच में यह बात सामने आई कि इन्होंने जितना माल इसके अंदर जमा कर रखा था, उसके आधार पर रजिस्टर में इंट्री सही नहीं थी और न बिल ही उसके हिसाब से मौजूद था। कई माल के बड़ी संख्या में फर्जी बिल भी मिले हैं। कच्चे में काफी संख्या में लेनदेन का हिसाब-किताब लिखा था। सूरत, मेरठ, कोलकाता से बड़ी संख्या में बिना बिल के रेडिमेड कपड़ों को मंगवाकर सीधे तौर पर जीएसटी की चोरी की गई है।