बिहार विधान परिषद की 11 सीटों का चुनाव कार्यक्रम जारी; नीतीश का नामांकन कल, रिजल्ट इस दिन आएगा
बिहार विधान परिषद की 11 सीटों पर चुनाव का शेड्यूल जारी हो गया है। अपने व्यस्त कार्यक्रम के चलते सीएम नीतीश कल नामांकन दाखिल करेंगे। क्योंकि 7 मार्च को वो इंग्लैंड की यात्रा पर रवाना होंगे।
बिहार विधान परिषद की खाली हो रहीं 11 सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। इन सीटों पर निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल मई में खत्म हो रहा है। जिनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी समेत भाजपा के तीन, जेडीयू के तीन, राजद, कांग्रेस और हम का एक-एक एमएलसी शामिल है।
जिन सदस्यों की सीटें खाली हो रही हैं। उनमें जदयू अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मंत्री संजय झा, खालिद अनवर, रामेश्वर महतो शामिल हैं। इनके अलावा राजद की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, और रामचंद्र पूर्वे। वहीं भाजपा से शाहनवाज हुसैन, मंगल पांडेय, संजय पासवान का नाम शामिल हैं। कांग्रेस से प्रेमचंद्र मिश्रा और हम सेक्युलर से संतोष कुमार सुमन की सीट खाली हो रही है।
वहीं अगर बात बिहार विधान परिषद के शेड्यूल की करें तो
नोटिफिकेशन की तिथि : 4 मार्च
नामांकन करने की अंतिम तिथि : 11 मार्च
नामांकन पत्रों की जांच : 12 मार्च
नामांकन वापसी की तारीख : 14 मार्च
चुनाव के लिए मतदान : 21 मार्च
मतगणना : 21 मार्च की शाम
चुनाव पूरा कराने की तारीख: 23 मार्च
जानकारी के मुताबिक अपने व्यस्त शेड्यूल के चलते सीएम नीतीश कुमार कल एमएलसी पद के लिए नामांकन करेंगे। क्योंकि 7 मार्च को नीतीश विदेश दौरे पर जा रहे हैं। इससे पहले नीतीश 6 मार्च को पीएम मोदी के बेतिया दौरे में भी शामिल होंगे। नीतीश कुमार सात मार्च को इंग्लैंड के लिए रवाना होंगे। देश की सबसे बड़ी साइंस सिटी पटना में 17 एकड़ में बन रही है। इसके लिए इंग्लैंड में मुख्यमंत्री वहां के साइंस म्यूजियम को देखेंगे। पहले से ही प्रोग्राम बन रहा था, लेकिन पॉलिटिकल डेवलपमेंट हो गया, सदन की कार्यवाही शुरू हो गयी। आगे लोकसभा का चुनाव भी होने वाला है।
वहीं अगर संख्या बल की बात करें तो विधान परिषद की एक सीट पर जीत के लिए विधानसभा के 21 सदस्यों के वोट की जरूरत है। विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से एनडीए आसानी से छह सीटों पर जीत हासिल करता हुआ दिख रहा है। विपक्षी गठबंधन की सभी सीटों पर जीत में थोड़ा संदेह है क्योंकि विश्वास मत से ठीक पहले आरजेडी के चार विधायक टूटकर जदयू के साथ आ गए। विपक्ष को पांच सीटों पर जीत के लिए 105 विधायकों के वोट की जरूरत होगी जिसके लिए वे एड़ी चोटी एक कर देंगे।
विधानसभा में दलवार स्थिति इस प्रकार है। 78 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है। राजद के 79 विधायकों में से 4 ने जदयू खेमें में आ जाने से उनकी संख्या अब 79 से घटकर अब 75 रह गई है। एनडीए के जदयू के 45, हम के चार विधायक हैं। महागठबंधन में कांग्रेस के 19, भाकपा माले के 11, माकपा और भाकपा के चार तथा एक निर्दलीय और एएमआइएएम के एक विधायक हैं।