मोतिहारी बस हादसा: मोबाइल से फोटो भेज दे रहे थे खुद के जिंदा होने का सबूत
कोटवा में बस हादसे का मंजर देख बस में सवार यात्री सहम गये थे। घटना के चार पांच घंटे बाद भी घायल बदहवास स्थिति में दिख रहे थे। सदर अस्पताल में घायलों का हाल जानने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों के...
कोटवा में बस हादसे का मंजर देख बस में सवार यात्री सहम गये थे। घटना के चार पांच घंटे बाद भी घायल बदहवास स्थिति में दिख रहे थे। सदर अस्पताल में घायलों का हाल जानने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों के फोन घायलों के मोबाइल पर लगातार आ रहे थे। अपनी सलामती के प्रमाण के तौर पर कुछ घायल अपनी तस्वीर खींच कर परिजनों को भेज रहे थे।
पूछने पर कई घायल यात्रियों ने बताया कि बस की खिड़की तोड़कर बाहर निकल किसी तरह अपनी जान बचायी। बदहवास यात्री बस के पलटने के बाद अपने आप को मौत के मुंह होने का अंदेशा जाहिर कर रहे थे। कुछ यात्री अपनी जान सांसत में होने की बात से कुछ भी बताने से इंकार कर रहे थे। सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे घायल के चेहरे पर बदहवासी का मंजर साफ दिख रहा था। .
भगवान का शुक्र है कि बची जान :
वे बार-बार कह रहे थे कि भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि वे लोग जिंदा बच गए। वहीं दरभंगा निवासी घायल श्रुति कुमारी कुछ भी बताने से परहेज कर रही थी। उसके चेहरे पर बस हादसे का खौफ साफ दिख रहा था। वह बार-बार आग्रह कर अकेला छोड़ने की बात कह रही थी। घायल समस्तीपुर न्यू कॉलोनी धर्मपुर के रहने वाले संजीव कुमार का कहना था कि बस में करीब 13 लोग सवार थे। जिसमें करीब 6-7 लोग खिड़की तोड़कर बाहर निकले हैं। वह अपनी मां से लगातार कुशल क्षेम के बारे में जानकारी दे रहा था। वहीं घायल श्री कुमार ने मां की सांत्वना के लिए अस्पताल में बेड पर बैठकर अपने मोबाइल से तस्वीर खींचकर मां को भेजा। घायल समस्तीपुर डुमरी के चिंटू कुमार भी घटना को लेकर बदहवास दिखे। सीतामढ़ी के विनोद कुमार बता रहे थे कि बस में करीब 25-30 लोग सवार थे। बेगूसराय बखरी के अमित कुमार व उसकी भाभी रिंकू कुमारी व चंदौली नौगढ़ उत्तरप्रदेश राजदेव भी इस हादसे के बाद बदहवास दिखे। ये लोग कुछ भी बताने से परहेज कर रहे थे। रात करीब 8 बजे सीतामढ़ी निवासी घायल आनंद श्रीवास्तव को सदर अस्पताल लाया गया.