छठ के बाद काम पर लौटने वालों की भीड़, फ्लाइट किराया 5 साल में सबसे महंगा; पटना से दिल्ली 21000 रुपये
पटना से मुंबई का एक नवंबर का किराया करीब 25 हजार रुपये है। इस रूट पर फ्लाइट फेयर 7-8 हजार रुपये रहता है। अधिकतर विमानों में बुकिंग भी फुल हो चुकी है।
छठ मनाने बिहार आए कामकाजी लोगों को अब लौटने में मशक्कत करनी पड़ रही है। ट्रेनें फुल हैं और ज्यादातर फ्लाइट्स का किराया तीन से चार गुना तक बढ़ गया है। विमान किराये ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मंगलवार को पटना से दिल्ली जाने का फ्लाइट किराया 21 हजार रुपये पार कर गया। सामान्य दिनों में इस रूट पर विमान का टिकट 4000 से 4500 रुपये के बीच होता है। वहीं, विमान के जरिए पटना से बेंगलुरु जाने के लिए 23 हजार और मुंबई के लिए 25 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
पटना से दिल्ली के लिए विस्तारा की फ्लाइट यूके 718 का एक नवंबर का हवाई किराया 20788 रुपये है। जबकि स्पाइस की फ्लाइट एसजी 8729 का एक नवंबर का किराया 19695 रुपये है। इंडिगो की रात 9.35 बजे जाने वाली फ्लाइट का किराया 11082 रुपये है। यह दिल्ली का एक नवंबर का सबसे न्यूनतम किराया है। पटना से एक नवंबर को बेंगलुरु के लिए इंडिगो की फ्लाइट 6ई 805 का किराया 23 हजार 500 रुपये है। इसी दिन गो फर्स्ट जी8273 का किराया 22 हजार 947 रुपये है।
पटना से मुंबई का एक नवंबर का किराया करीब 25 हजार रुपये है। इस रूट पर फ्लाइट फेयर 7-8 हजार रुपये रहता है। अधिकतर विमानों में बुकिंग भी फुल हो चुकी है। मुंबई के लिए एक नवंबर को सबसे सस्ती फ्लाइट गो फर्स्ट की जी 8352 है, जिसमें न्यूनतम किराया 13707 रुपये है।
कोरोना से पहले सामान्य दिनों में पटना-दिल्ली रूट पर किराया 2500 से 3000 रुपये तक रहता था। छठ के बाद दो चार दिनों तक किराया अधिकतम 12 हजार तक रहता था। 2018, 2019 तक यही स्थिति थी। 2020 में दिल्ली का किराया 15 हजार के पास तक पहुंचा। 2021 से सामान्य दिनों में भी पटना दिल्ली रूट का सामान्य दिनों का किराया 5 से 6 हजार रुपये तक रहने लगा और उत्सव के दिनों में तो यह 20 हजार रुपये के पास तक पहुंच जा रहा है। पर्व-त्योहार के दिनों में यह किराया 18 से 20 हजार के बीच रहा। इस बार अधिकतम किराया बीते पांच सालों में सबसे महंगा है।