बिहार में बच्चा चोरी गिरोह की अफवाह, कई बेगुनाह हो रहे भीड़ के गुस्से का शिकार
बिहार में बच्चा चोरी के खिलाफ कुछ इस कदर दहशत का माहौल बन गया है कि जहां कहीं भी किसी पर बच्चा चोरी का शक होता है, लोग उग्र हो जा रहे हैं और उसकी जमकर पिटाई कर दे रहे हैं। पटना में पिछले एक सप्ताह के...
बिहार में बच्चा चोरी के खिलाफ कुछ इस कदर दहशत का माहौल बन गया है कि जहां कहीं भी किसी पर बच्चा चोरी का शक होता है, लोग उग्र हो जा रहे हैं और उसकी जमकर पिटाई कर दे रहे हैं। पटना में पिछले एक सप्ताह के दौरान प्रतिदिन ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं।
राज्य की राजधानी में शुक्रवार को ऐसे तीन मामले सामने आए। बच्चा चोरी के नाम पर तीन जगहों पर उन्मादी हिंसा की घटनाएं हुईं। पटना के परसा के रहीमपुर में ग्रामीणों ने बच्चा चोरी का आरोप लगाते हुए एक साधु की पिटाई कर दी। अधमरा होने तक लोग साधु को पीटते रहे। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस को भी लोगों के आक्रोश का शिकार होना पड़ा। बाद में साधु को पुलिस किसी प्रकार बचाकर थाने लाई, जिसकी पहचान जहानाबाद जिले के एरकी गांव निवासी रामव्रत राठौर (4० वर्ष) के रूप में हुई।
परसा बाजार के थाना प्रभारी जयप्रकाश ने कहा कि साधु मानसिक रूप से बीमार लगता है। उन्होंने कहा कि वीडियो फूटेज के आधार पर भीड़ में शामिल लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
पटना के मनेर के महिनावा टोला के समीप भी ग्रामीणों ने बच्चा चोरी के आरोप में एक विक्षिप्त की जमकर पिटाई कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को अस्पताल में भतीर् कराया।
नौबतपुर के मोहनीपोखर गांव में भी एक वृद्ध को बच्चा चोर कहकर लोगों ने बंधक बनाकर उसकी जमकर पिटाई कर दी।
ऐसा नहीं कि ऐसी घटनाएं केवल पटना में घट रही हैं। राज्य के रोहतास जिले में दावथ थाना क्षेत्र के मलियाबाग में 26 जुलाई को बच्चा चोरी के आरोप में दो महिलाओं को पकड़ कर भीड़ ने उनकी जमकर पिटाई कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने भीड़ से किसी तरह दोनों महिलाओं को निकाल कर इलाज के लिए अस्पातल में भतीर् कराया।
पुलिस भी ऐसी घटनाओं से परेशान है। पुलिस मुख्यालय ने ऐसे अफवाह फैलाने वाले गिरोहों को चिह्नित कर कार्रवाई करने के निदेर्श दिए हैं।
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, “सिर्फ अफवाह पर किसी भी व्यक्ति या विक्षिप्त की ग्रामीणों की उग्र भीड़ कहीं भी, कभी भी पिटाई कर दे रही है। इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।”
पुलिस ने बताया कि ऐसे मामलों में संवेदनशील इलाकों में लाउडस्पीकर लगाकर पूरे क्षेत्र में इस तरह की अफवाह से बचने के लिए अपील की जा रही है। इस मुद्दे पर नागरिकों, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों व जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित करवाई जा रही है।
कई थाना क्षेत्रों में प्रबुद्ध और समाजसेवा में सक्रिय लोगों को साथ लेकर एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इसका उद्देश्य है कि सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित गलत समाचार और अफवाहों की जानकारी ग्रुप में दी जाए।
पटना की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक कहती हैं कि सोशल मीडिया में गलत खबरों के कारण बच्चा चोरी की अफवाह की घटनाएं घट रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों में पटना में ऐसी छह से अधिक घटनाएं सामने आई हैं।
उन्होंने लोगों से अफवाह पर ध्यान नहीं देने और अभिभावकों से सजग रहने की अपील की है। उन्होंने किसी सोशल साइट पर कोई भी खबर शेयर करने या पोस्ट करने से पहले उसकी सत्यता जान लेने की भी लोगों से अपील की है।