Hindustan Special: बिहार के इस रेलवे स्टेशन में घुसते ही धरे जाएंगे बदमाश, तकनीक से टूटेगा अपराधियों का तिलिस्म
डीआरएम विकास चौबे ने बताया कि रेलवे स्टेशन के री-डेवलपमेंट में यात्रियों की सुरक्षा को भी विशेष स्थान दिया गया है। इसके लिए एआई आधारित तकनीक अपनाई जाएगी। ताकि लोगों की यात्रा सुरक्षित हो।
हिन्दुस्तान स्पेशल: बिहार के भागलपुर रेलवे स्टेशन पर एआई आधारित ऐसी तकनीक लगाई जा रही है, जिससे कुछ सेकंड के अंदर ही बदमाशों की पहचान कर ली जाएगी। मालदा डिवीजन के अंतर्गत भागलपुर स्टेशन के री-डेवलपमेंट की तैयारी हो रही है। इसको लेकर मास्टर प्लान भी तैयार हो गया है। इसमें रेल यात्रियों को सुविधाओं के साथ उनकी सुरक्षा को लेकर भी मजबूत इंतजाम किये जाने हैं। स्टेशन के प्लेटफॉर्म से लेकर सर्कुलेटिंग एरिया में सुरक्षा की निगरानी 24 घंटे होगी। इसके री-डेवलपमेंट के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सुविधा से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। अत्याधुनिक कैमरों को लगाने से इसमें संदिग्धों के चेहरे कैद हो जाएंगे।
भागलपुर के डीआरएम विकास चौबे ने बताया कि री-डेवलपमेंट में यात्रियों की सुरक्षा को भी विशेष स्थान दिया गया है। इस कारण हाईटेक सिक्योरिटी कैमरे लगाए जाएंगे। ताकि लोगों की यात्रा सुरक्षित हो। एआई सुविधा से लैस कैमरों में पहले स्टेशन से जुड़े बदमाशों की फोटो और डिटेल को सॉफ्टवेयर के माध्यम से फीड करना होगा। इसके बाद ऐसे संदिग्धों की गतिविधि स्टेशन एरिया में कहीं भी होने पर तत्काल अपराध से पहले उन्हें रोका जा सकेगा।
इसके लिए सीसीटीवी कंट्रोल रूम में आरपीएफ के जवान 24 घंटे निगरानी करते रहेंगे। रात को विशेष रूप अलग-अलग पालियों में मॉनिटिरंग की व्यवस्था होगी, साथ ही रात के समय वेटिंग हॉल, ट्रेनों के आने के समय कोच के आसपास विशेष नजर होगी। यह समय बदमाशों द्वारा आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए सेफ माना जाता है। अक्सर उस समय घटनाएं होती हैं।
आरपीएफ तैयार कर रही है आंकड़ा
आरपीएफ पोस्ट भागलपुर पिछले कई माह से लगातार कार्रवाइयां कर रहा है। टीम मोबाइल झपटमार, शराब तस्करों, गांजा तस्करों के साथ अन्य आपराधिक वारदात में लिप्त बदमाशों का डिटेल रिकार्ड तैयार कर रही है। इसमें फोटो के साथ उसका पूरा पता, आपराधिक इतिहास समेत अन्य जानकारियां रखी जा रही हैं। इस रिकार्ड का उपयोग आरपीएफ हाईटेक एआई सुविधाओं से लैस सीसीटीवी कैमरा लगाने के बाद करेंगे। तैयार रिकार्ड को सॉफ्टवेयर में फीड करते ही स्टेशन इलाके में जैसे ही संबंधित बदमाश दिखेगा, कैमरे मॉनिटरिंग कर रहे कर्मियों को सतर्क कर देंगे। इससे आपराधिक वारदात पर लगाम लगेगी।