लॉकडाउन में दाे अधिकारियों की कहानी : रोकने पर एक ने किया सम्मानित ताे दूसरे ने करवाई उठक-बैठक
कोरोना वायरस के फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। इस माहामारी को रोकने में एक डॉक्टर और दूसरे पुलिसकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सुरक्षा में दिन-रात एक किए हुए...
कोरोना वायरस के फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। इस माहामारी को रोकने में एक डॉक्टर और दूसरे पुलिसकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सुरक्षा में दिन-रात एक किए हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी लोगों को राहत देने में जी-जान से जुटे हैं। बावजूद कुछ ऐसे अधिकारी भी है जो अपनी करतूतों की वजह से पूरे महकमे को बदनाम कर रहे हैं।
हम आपको दो ऐसे अधिकारियों के बारे में बताते हैं जिन्होंने लॉकडाउन में खुद को रोकने के बाद क्या किया। जी हां, एक ओर है उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह। जब वे रात में बाइक से शहर का जायजा दे रहे थे तो उन्हें एक सिपाही ने रोककर बाहर घूमने का कारण पूछा। इसके अलगे दिन डीएम ने सिपाही को बुलाकर सम्मानित किया। तो वहीं दूसरी ओर बिहार जिले के अररिया में जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार की गाड़ी जब एक चौदीकार ने रोकी तो अधिकारी ने रौब दिखाकर उससे उठक बैठक करवाई।
जानिए रामपुर का पूरा मामला :
रामपुर में एक सिपाही ने डीएम आञ्जनेय कुमार सिंह को सरेआम बाइक पर चलते हुए पकड़ लिया। सिपाही ने डीएम को लॉकडाउन की अहमियत समझाई। आधी रात लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई और सजा क्या क्या हो सकती है ये भी बताया। सिपाही के समझाने के बाद डीएम साहब ने अपनी मोटर साइकिल वापस की और मौके से चुपचाप चले गए।
आधी रात को मोटर साइकिल पर लॉकडाउन में घूम रहे डीएम को सिपाही द्वारा हड़काया या पकड़ा जाना आपको नागवार नहीं गुजरा? जिलाधिकारी ने कहा कि असली और सच्चा तो सही मायने में सिपाही ही सरकारी मुलाजिम निकला, जिसने एलआईसी चौराहे पर मुझे रोक लिया। बाकायदा उसने मुझे लॉकडाउन की अहमियत समझाई। साथ ही आइंदा लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने को भी कहा। रामपुर डीएम ने कहा कि सुबह मैंने सबसे पहले उसी मोहित सिपाही को कलेक्ट्रेट में बुलवाया जिसने मुझे रात में समझाया था कि लॉकडाउन की क्या अहमियत है। मैंने उसे शाबासी और प्रमाण पत्र दिया। ताकि जिले में तैनात अन्य सरकारी कर्मचारियों में भी ईमानदारी और मेहनत से काम करने का जज्बा पैदा हो सके।
जानिए किसने खुद को रोकने पर चौकीदार से करवाई उठक बैठक :
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह बिहार के अररिया जिले का है। यहां के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार अपनी कार रोकने वाले चौकीदार से उठक बैठक करवा रहे हैं। हालांकि, इस संबंध में पूछे जाने पर बैरगाछी ओपी अध्यक्ष हरेंद्र कुमार ने बताया कि अपने को जिला कृषि पदाधिकारी कहने वाले एक शख्स ने चौकीदार पर पांच सौ रुपये लेकर गाड़ी छोड़ने का आरोप लगाया। इससे डरा-सहमा चौकीदार कान पकड़कर गलती मानते हुए उठक-बैठक करने लगा। उनका कहना है कि इस बीच वहां पहुंचे दारोगा गोविंद सिंह ने चौकीदार को ऐसा करने से मना भी किया और उन्हें डांट-फटकार भी की।
हालांकि, कई लोगों का कहना है कि चौकीदार ने उनकी गाड़ी को रोककर पास दिखाने को कहा तो जिला कृषि पदाधिकारी आग-बबूला हो गए। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार से उनके सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो एक बार फोन उठाकर उन्होंंने मीटिंग में होने की बात कहकर दो मिनट बाद बात करने कहा। इसके बाद लगातार फोन किया जाता रहा लेकिन फोन नहीं उठाया।